जातिगत जनगणना का निर्णय राहुल गांधी के संघर्ष और विचारधारा की बड़ी जीत: हर्षवर्धन सपकाल


अब केंद्र सरकार को आरक्षण की 50% सीमा भी हटानी चाहिए।
मुंबई, दिनांक 30 अप्रैल 2025
हर जाति समूह को सामाजिक न्याय मिलना चाहिए, यह हमारे नेता राहुल गांधी जी की दृढ़ और स्पष्ट भूमिका रही है। इसी दृष्टिकोन से उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग लगातार उठाई थी। भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध कर रही थी, लेकिन देर से ही सही, अब उन्हें इसकी जरूरत समझ में आई है—इसका हम स्वागत करते हैं। केंद्र सरकार का यह निर्णय लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी के संघर्ष और विचारों की बड़ी जीत है, ऐसा कहना है महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल का।
इस संदर्भ में प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेशाध्यक्ष सपकाल ने कहा कि जातिगत जनगणना से समाज के सभी वर्गों को विकास में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही सामाजिक न्याय का पक्ष लिया है। राहुल गांधी ने इसके लिए लंबा संघर्ष किया है और एक बार फिर उनकी दूरदर्शिता देश और सरकार के सामने साबित हुई है। अब केंद्र सरकार को आरक्षण की 50% सीमा हटाने के लिए अगला कदम उठाना चाहिए। समाज के दलित, वंचित और पिछड़े वर्गों तक विकास के लाभ पहुंचने चाहिए। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख पद पर ओबीसी, पिछड़े या दलित स्वयंसेवकों को कब अवसर मिलेगा—इस पर भी हमारी नजर है, ऐसा भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा।
भाजपा सरकार ने पिछले 11 वर्षों में जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। हर साल दो करोड़ नौकरियाँ देने का, किसानों की आय दोगुनी करने का, पेट्रोल-डीज़ल 40 रुपये प्रति लीटर करने का, और विदेशों से काला धन लाकर हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये डालने का जो वादा किया गया था, वे सभी सिर्फ चुनावी जुमले साबित हुए हैं।
यह निर्णय भी वैसा ही न साबित हो—इसकी हम अपेक्षा करते हैं।
राहुल गांधी जी ने पहले भी जो मुद्दे उठाए थे, उन्हें अहंकारी और तानाशाही सरकार ने नजरअंदाज किया था, लेकिन बाद में वही मुद्दे सही साबित हुए। जातिगत जनगणना के निर्णय से यह बात एक बार फिर प्रमाणित हो गई है!