लंबा,स्वस्थ और निरोगी स्वास्थ्य चाहिए पृथ्वी को हरा-भरा बनाना होगा


सतत शहरी वनस्पति संरक्षण से ही टिकेगी पृथ्वी
मुंबई, 22 अप्रैल, 2025 – पृथ्वी दिवस के अवसर पर मुंबई में टिकाऊ शहरी वनस्पति संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर आधारित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कॉर्पोरेट बागवानी विशेषज्ञों, प्रमाणित वृक्ष विशेषज्ञों और बृहन्मुंबई महानगरपालिका के उद्यान विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
यह पहल चंदिवाली स्थित “नहर अमृत शक्ति गार्डन” में आयोजित की गई, जहां मियावाकी पद्धति का उपयोग करके एक आदर्श शहरी वन विकसित किया गया है।
यह कार्यक्रम बृहन्मुंबई नगरपालिका और समाजसेवी और भवन निर्माण में अग्रणीय सुखराजजी नाहर (अध्यक्ष, नाहर बिल्डर्स लिमिटेड) के तत्वावधान में किया गया। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ाना, अधिक मियावाकी वनों का निर्माण करना और स्थिरता की दिशा में कदम उठाना है।

यह शहरी वन 16,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां 41,207 पेड़ लगाए गए हैं। इस वृक्षारोपण में कुल 79 देशी प्रजातियां शामिल हैं,
जिनमें जम्भू, अर्जुन, पलास, मोहा, आम और पीपल जैसी देशी किस्में शामिल हैं। मियावाकी पद्धति का मुख्य उद्देश्य वायु की गुणवत्ता में सुधार करना, गर्मी को कम करना और ध्वनि प्रदूषण को अवशोषित करना है। इस तरह से निर्मित वन शहरी हरित संरक्षण का एक आदर्श उदाहरण बन गया है।
मुंबई शहर में मियावाकी पद्धति का उपयोग करके लगभग 6 लाख पेड़ सफलतापूर्वक लगाए गए हैं, जिससे शहरी प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आई है और पर्यावरणीय स्वास्थ्य में बड़ा सुधार हुआ है। यह उपलब्धि जलवायु अनुकूलन क्षमता बढ़ाने और पारिस्थितिक समृद्धि प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

माननीय आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त एवं उपायुक्त (पार्क) के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में सतत शहरी वनस्पति संरक्षण एवं इसके भविष्य के कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श किया गया।
बृहन्मुंबई उद्यान अधीक्षक श्री जितेन्द्र परदेशी ने मियावाकी वन की सफलता के पीछे की बारीकियों को समझाया और शहर के पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में शहरी वानिकी और वृक्षारोपण प्रौद्योगिकियों के महत्व को समझाया।
कार्यक्रम में प्रमुख बागवानी विशेषज्ञों और विशेषज्ञों में रॉबर्ट फर्नांडीस (के. रहेजा कॉर्पोरेशन), प्रवीण मोरे (हीरानंदानी कंस्ट्रक्शन), डॉ. असीम गोकर्ण (वास्तुकार), श्रीमती उत्पला अहिरे (रिलायंस), श्रीमती आरती आरती बंबोरे (गोदरेज) निवृत्ति हेगड़े (गोदरेज) और सचिन तावड़े (मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड)। उनके साथ बृहन्मुंबई नगर पालिका के उद्यान विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने मुंबई में हरियाली के संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ाने के लिए विभिन्न शहरी समाधान सुझाए तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि छोटी परियोजनाएं भी बड़े स्थायी बदलाव ला सकती हैं।
प्रमाणित वृक्षविज्ञानी विवेक राणे ने वृक्षारोपण की आवश्यकता तथा जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण में इसके महत्व पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार वृक्ष मूल्यांकन नागरिकों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है तथा शहरी जीवन की गुणवत्ता सुधारने में इसका क्या महत्व है।
कार्यक्रम के दौरान मियावाकी वन के माध्यम से एक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण के दौरान मियावाकी पद्धति से विकसित नाहर वन का सजीव प्रदर्शन किया गया तथा इससे प्राप्त प्रभावी परिणामों के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में नाहर बिल्डर्स लिमिटेड के निदेशक महेश प्रधान ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों, विशेषज्ञों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
पृथ्वी दिवस के अवसर पर आयोजित इस पहल का उद्देश्य प्रकृति का सम्मान करना था, साथ ही मुंबई के हरित क्षेत्रों के संरक्षण और संवर्धन के लिए मिलकर काम करने के महत्व को भी उजागर करना था। इस कार्यक्रम ने भविष्य में अधिक टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल शहरी पहलों को आगे बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक संदेश दिया