आज सभी देशवासियों को सेना के पीछे खड़ा होना चाहिए। अभिषेक लोढ़ा की अपील लोढ़ा फाउंडेशन ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया


मुंबई / प्रतिनिधि
सभी देशवासियों को आज भारतीय सेना के साथ खड़ा होना चाहिए और सैनिकों का मनोबल और शक्ति बढ़ानी चाहिए। ऐसी आपात स्थिति में हमें अपने मतभेद और गिले-शिकवे भूलकर एक साथ दुश्मन को अपनी ताकत दिखानी चाहिए।
इस युद्ध प्रशिक्षण हमले में शहीद और घायल हुए सैनिकों और नागरिकों को हम सहायता प्रदान करेंगे, ऐसा दावा करते हुए अभिषेक लोढ़ा ने मुंबई में घोषणा की।आज प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि लोढ़ा फाउंडेशन हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने के अलावा उनके बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाएगा तथा घायल जवानों व नागरिकों की मदद करेगा।
इसके अलावा, शहीद सैनिकों की विधवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, जो लोग अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उन्हें वित्तीय सहायता दी जाएगी और जो बहनें हमारे साथ जुड़ना चाहती हैं, उन्हें लोढ़ा फाउंडेशन में रोजगार दिया जाएगा। इसके अलावा, लोढ़ा फाउंडेशन द्वारा शहीद सैनिकों के माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा भी कराया जाएगा।
यह जानकारी संस्था के निदेशक अभिषेक लोढ़ा ने दी। इस अवसर पर उनकी माता मंजू लोढ़ा, पत्नी विनीता अभिषेक लोढ़ा, मेजर मानवेन्द्र सोलंकी और मेजर आसिफ सैयद उपस्थित थे। लोढ़ा फाउंडेशन ने पहलगाम की दर्शनीय घाटी में आतंकवादियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले का बदला लेने के लिए “ऑपरेशन सिंदूर” को सफलतापूर्वक लागू करने और आतंकवाद व आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय सेना की प्रशंसा की। लोढ़ा फाउंडेशन द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजना की प्रेरणा और अवधारणा मेरी मां मंजू लोढ़ा और पत्नी विनीता यान हैं। अभिषेक लोढ़ा ने यही बताया। अभिषेक लोढ़ा ने कहा है कि हमारा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और सशक्त नेतृत्व में प्रगति कर रहा है।
इसलिए, भारत युद्ध की भूमि नहीं है, बल्कि शांतिप्रिय और शांति का संदेश देने वाली भूमि है। मंजू लोढ़ा ने कहा कि अनेक ज्ञात-अज्ञात क्रांतिकारियों द्वारा दिया गया बलिदान आज की आजादी का कारण है तथा हम हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के साथ हैं तथा हमें उनके लिए तथा सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।