सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश


अब NEET-PG में मेडिकल संस्थानों को देनी होगी फीस डिटेल्स
सीट ब्लॉक करने पर पेनल्टी लगेगी, स्टूडेंट्स 2 राउंड ही काउंसलिंग कर सकेंगे
नई दिल्ली। NEET-PG की काउंसलिंग से पहले अब सभी प्राइवेट और डीम्ड मेडिकल यूनिवर्सिटीज को अपनी फीस डिटेल्स जारी करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश गुरुवार को NEET-PG में ट्रांसपेरेंसी से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने काउंसलिंग के समय सीट ब्लॉक करने पर पेनल्टी लगाने का भी ऑर्डर दिया। साथ ही कहा कि अगर कोई स्टूडेंट्स ऐसा करता है तो उसे NEET-PG के अगले एग्जाम से डिस्क्वालिफाई कर दिया जाए।
सितंबर 2024 में दायर हुई थी याचिकाएं
NEET PG 2024 परीक्षा के एस्पिरेंट्स ने सितंबर 2024 में परीक्षा में पारदर्शिता के लिए याचिकाएं दायर की थीं। स्टूडेंट्स की मांग थी कि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी NBEMS एग्जाम के क्वेश्चन पेपर और स्टूडेंट्स की आंसर भी जारी करे। इससे कैंडिडेट्स को अपने रिजल्ट का सही आकलन करने और बेहतर तैयारी करने में मदद होगी। स्टूडेंट्स की दूसरी मांग थी कि एग्जाम एक ही शिफ्ट में हो। दो शिफ्ट में एग्जाम होने से रिजल्ट नॉर्मलाइजेशन के बाद जारी होता है जो कि फेयर नहीं है।
आखिर क्या है नॉर्मलाइजेशन ?
कई बार जब किसी एग्जाम के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा हो जाती है तो एग्जाम कई शिफ्टों में आयोजित कराया जाता है। कई बार एग्जाम कई दिन तक चलता है। ऐसे में हर शिफ्ट में क्वेश्चन पेपर का अलग सेट स्टूडेंट्स को दिया जाता है। ऐसे में किसी स्टूडेंट को मुश्किल और किसी स्टूडेंट को आसान क्वेश्चन पेपर मिलता है। यहां सवाल उठता है कि आसान और मुश्किल कैसे तय किया जाता है।