Mumbai Maharashtra

अनुसूचित जाति के लिए मात्र 15 वार्ड आरक्षित, समता परिषद इस अन्याय के खिलाफ लड़ेगी !

मुंबई /( प्रतिनिधि) 227 वार्डों वाली मुंबई महानगरपालिका में अनुसूचित जाति को मात्र 15 वार्ड दिए गए हैं। इस पर समता परिषद ने कड़ी नाराजगी जताई है और समता परिषद मुंबई की ओर से पूर्व मंत्री विजय भाईगिरकर ने चेतावनी दी है कि समय आने पर वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।

अनुसूचित जाति के लिए मात्र १५ वार्ड आरक्षित के इस विषय को लेकर समता परिषद मुंबई की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई इसके उपरांत पत्रकार परिषद में उक्त विषय रखा गया है।
जिसमें पूर्व नगरसेविका समिता कांबले, एडवोकेट संदीप जाधव, योजना ठोकले, विनोद कांबले और विजय पवार उपस्थित थे।
भाई गिरकर ने कहा कि अनुसूचित जाति के लिए मात्र 15 वार्ड आरक्षित किया जाना अन्याय है। मुंबई महानगरपालिका से छोटी महानगरपालिका में अनुसूचित जाति के वार्डों के लिए आरक्षण दर अधिक है। मुंबई महानगरपालिका में अनुसूचित जाति के लिए मात्र 15 वार्ड हैं। समता परिषद मुंबई की ओर से पूर्व मंत्री विजय भाई गिरकर ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ उक्त विसंगति की ओर ध्यान दिलाया तथा महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष एडवोकेट माननीय धम्मपाल मेश्राम को ज्ञापन सौंपा। मेश्राम ने आश्वासन दिया कि वे संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक करेंगे तथा विसंगति को दूर करने के लिए उचित निर्णय लेंगे।

महाराष्ट्र की प्रमुख महानगर पालिकाओं में कुल वार्डों की संख्या तथा उनमें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों की संरचना पर गौर करें तो मुंबई महानगर पालिका में कुल 227 वार्ड हैं तथा अनुसूचित जातियों के लिए मात्र 15 वार्ड हैं। नासिक महानगर पालिका में 122 वार्ड, अनुसूचित जाति के लिए 18 वार्ड, छत्रपति संभाजी नगर महानगर पालिका, 113 वार्ड, अनुसूचित जाति के लिए 22 वार्ड, नागपुर महानगर पालिका में 151 वार्ड, अनुसूचित जाति के लिए 24 वार्ड, पुणे महानगर पालिका में 162 वार्ड, अनुसूचित जाति के लिए 19 वार्ड हैं।

उक्त विसंगति को देखते हुए, भाई गिरकर ने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है कि आगामी महानगर पालिका चुनावों में अनुसूचित जातियों के साथ अन्याय न हो। प्रतिनिधिमंडल ने अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष एडवोकेट माननीय धम्मपाल मेश्राम और सचिव संजय कमलाकर से मुलाकात की और एक बयान सौंपा। बयान में कहा गया है कि इन आरक्षणों के अनुसार मुंबई में अनुसूचित जातियों के साथ अन्याय हो रहा है।

हमने अनुरोध किया है कि संबंधित विभागों के प्रमुखों के साथ एक संयुक्त बैठक बुलाई जाए और अनुसूचित जातियों के खिलाफ अन्याय को दूर किया जाए। इस संबंध में 10 जून को राज्य अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष एडवोकेट धम्मपाल मेश्राम ने आश्वासन दिया था कि संयुक्त बैठक कर उचित निर्णय लिया जाएगा।

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