रिश्तों में नई मजबूती


भारत-श्रीलंका के बीच सात समझौतों पर मुहर
सुरक्षा हित एवं मछुआरों के मुद्दे पर भी चर्चा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच कोलंबो में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद सात समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए। भारत ने श्रीलंका को पांच प्रमुख परियोजनाओं की सौगात दी, जबकि रक्षा, सुरक्षा और मानव हितों से जुड़े अहम मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठा, जल्द रिहाई की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति के समक्ष भारतीय मछुआरों की रिहाई और उनकी नौकाओं की वापसी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि श्रीलंका ने 11 भारतीय मछुआरों को रिहा करने का निर्णय लिया है और आने वाले दिनों में अधिक मछुआरों की रिहाई की संभावना जताई है।
भारत के सुरक्षा हित सर्वोपरि : श्रीलंका का भरोसा
श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने भारत को मुश्किल समय का सच्चा सहयोगी बताते हुए आश्वासन दिया कि श्रीलंका की भूमि या समुद्री क्षेत्र का उपयोग कभी भी भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने भारत के साथ आपसी विश्वास और सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
रक्षा सहयोग को मिली नई दिशा
भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग पर भी समझौता हुआ है, जिससे दोनों देशों की मौजूदा रक्षा साझेदारी को और मजबूती मिलेगी। विदेश सचिव ने कहा कि यह समझौता क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पांच नई परियोजनाएं, विकास को मिलेगा बल
भारत की ओर से श्रीलंका में पांच विकास परियोजनाओं की घोषणा की गई, जिनसे श्रीलंका के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों को बल मिलेगा। ये परियोजनाएं दोनों देशों के बीच साझा विकास और सहयोग की भावना को और प्रगाढ़ करेंगी।
नजदीकी संबंधों की ओर एक और कदम
यह बैठक भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा और सामरिक साझेदारी को विस्तार देने की दिशा में एक अहम पड़ाव मानी जा रही है। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच आर्थिक, सामरिक और मानवीय मुद्दों पर और सहयोग की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ से सम्मानित
प्रधानमंत्री मोदी को श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री इस सम्मान को प्राप्त करने वाले केवल दूसरे विदेशी नेता और पहले भारतीय हैं। द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने एक साथ कोलंबों में प्रेस मीट को संबोधित किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच एक महत्वाकांक्षी रक्षा सहयोग समझौते सहित अन्य महत्वपूर्ण समझौतों का आदान-प्रदान हुआ। दोनों पक्ष त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते में भी शामिल हुए हैं।
समझौता ज्ञापन
दोनों देशों के बीच आज रक्षा, सफल डिजिटल समाधान, त्रिंकोमाली ऊर्जा केंद्र के विकास, स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग, बिजली के आयात/निर्यात के लिए एचवीडीसी इंटरकनेक्शन के कार्यान्वयन, पूर्वी प्रांत के लिए बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता और फार्माकोपियल सहयोग पर सात समझौता ज्ञापन हुए हैं ।
श्रीलंका को भारत की ओर से कई सौगातें
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत की ओर से श्रीलंका को कई सौगातें दी गईं। इसमें महो-ओमानथाई रेलवे लाइन के उन्नत रेलवे ट्रैक का उद्घाटन, महो-अनुराधापुरा रेलवे लाइन के लिए सिग्नलिंग सिस्टम के निर्माण का शुभारंभ, सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना का भूमिपूजन समारोह (वर्चुअल), दांबुला में तापमान नियंत्रित कृषि गोदाम का उद्घाटन (वर्चुअल), श्रीलंका भर में 5000 धार्मिक संस्थानों के लिए सोलर रूफटॉप सिस्टम की आपूर्ति (वर्चुअल) शामिल है।
घोषणाएं
इस दौरान भारत में सालाना 700 श्रीलंकाइयों के लिए व्यापक क्षमता-निर्माण कार्यक्रम, त्रिंकोमाली में थिरु कोनेश्वरम मंदिर के विकास के लिए भारत की अनुदान सहायता, नुवाड़ा एलिया में सीता एलिया मंदिर, और अनुराधापुरा में सेक्रेड सिटी परियोजना; अंतरराष्ट्रीय वेसाक दिवस 2025 पर श्रीलंका में भगवान बुद्ध अवशेषों की प्रदर्शनी साथ ही ऋण पुनर्गठन पर द्विपक्षीय संशोधन समझौतों के निष्कर्ष की घोषणा की गई।