नरेंद्र मोदी सरकार का जाति आधारित जनगणना का निर्णय भविष्य में जातिव्यवस्था को समाप्त करने में सहायक सिद्ध होगा; अजित पवार


जाति आधारित जनगणना से सामाजिक समानता का लक्ष्य तेजी से प्राप्त होगा; अजित पवार ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया
जाति आधारित जनगणना से अत्यंत पिछड़े समाज घटकों को अधिक निधि देकर तेजी से विकास संभव होगा
जाति आधारित जनगणना का निर्णय सामाजिक समानता की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार का एक महत्वपूर्ण, क्रांतिकारी कदम है; उपमुख्यमंत्री अजित पवार
मुंबई, ३० अप्रैल
“केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना करने का निर्णय स्वागत योग्य है। इससे समाज के सभी वर्गों को उनका न्यायोचित अधिकार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह सरकार को सामाजिक रूप से कमजोर, वंचित और उपेक्षित समुदायों के विकास के लिए अधिक निधि प्रदान करने की सुविधा देगा। इससे पिछड़े वर्गों की शिक्षा और आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायता मिलेगी और सामाजिक समानता का लक्ष्य तेजी से साकार किया जा सकेगा। यह निर्णय सामाजिक समानता की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम है।” इन शब्दों में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया।
जाति आधारित जनगणना पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इस जनगणना की मांग कई व्यक्ति, संस्थाएं और संगठन पिछले कई दशकों से कर रहे थे। यह मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसे दूरदर्शी और संवेदनशील नेतृत्व के कारण ही पूरी हो सकी। जाति आधारित जनगणना न होने के कारण अनुसूचित जाति और जनजातियों को छोड़कर अन्य जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती थी, जिससे ओबीसी समाज सहित अन्य वर्ग प्रभावित हो रहे थे।