Mumbai Maharashtra

पहली बारिश में पानी पानी हुए मुंबईकर —-करोड़ों रुपए नालों की साफ-सफाई पर खर्च होने पर भी कैसे डूबे उपनगर

मुंबई की पहली ही बारिश ने मुंबईकरों को पानी – पानी कर दिया । बेमौसम बरसात के कारण निचले हिस्सों में जहां पानी भरने की शिकायतें मिली हैं वहीं सड़कों पर और यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। बता दें कि बरसात से दो महीने पहले ही बृहन्मुंबई मनपा ,एम एम आरडीए , रेलवे विभाग करोड़ों रुपए का बजट नालों की साफ-सफाई पर खर्च करता है अब एक दो सप्ताह बाद ही मानसून मुंबई में आ जाएगा लेकिन इन विभागों की साफ-सफाई की पोल इस बार समय से पहले ही खुल गई है कुर्ला, साइन,बिक्रोली , भांडुप, बांद्रा, वडाला,कांजूर मार्ग, भांडुप ठाणे मनपा, के कई क्षेत्रों में लोगों को पहली ही बरसात में पानी पानी होना पड़ा है लोकल रेलवे पूरी तरह लड़खड़ाते दिखाई दी लोग तीन तीन चार चार घंटे में ओफिस पहुंचे। इस विषय पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने
कहा कि भाजपा महायुती ने पहले ही बारिश में मुंबई को डुबोया, नाला सफाई के करोड़ों रुपए किसकी जेब में गए?:

मुंबईवासियों की दुर्दशा के लिए महानगरपालिका और राज्य सरकार ज़िम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मुंबई को लूटने वाले भ्रष्ट गिरोह को मुंबईवासी कभी माफ नहीं करेंगे
उन्होंने कहा कि
मुंबई में पहली ही भारी बारिश ने राज्य सरकार और महानगरपालिका प्रशासन के भ्रष्टाचार की गटरगंगा सड़कों पर बहा दी। हर तरफ पानी ही पानी है, सड़कों पर, रेलवे ट्रैकों पर, जिससे दफ्तर जाने वाले मुंबईवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बीएमसी हर साल मुंबई में नाला सफाई और मानसून पूर्व कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन हर साल वही हालत दोहराई जाती है। जनता के पैसों पर ठेकेदार और सत्ताधारी लूट मचाकर अपनी जेबें भरते हैं, इसी कारण मुंबईवासियों की ये हालत होती है

भाजपा-शिंदे- अजित पवार की युति सरकार और बीएमसी प्रशासन पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि पहली ही बारिश में मुंबई की हालत बदतर हो गई, सड़कों पर जैसे तालाब बन गए हों। जगह-जगह जलजमाव ने मुंबई को जाम कर दिया। सड़कों, हाउसिंग सोसायटियों, रेलवे ट्रैकों, अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों और अस्पतालों में पानी भर गया है। एक ही बारिश ने भाजपा, शिंदे सेना और अजित पवार की भ्रष्टाचारी सरकार की पोल खोल दी है। इनकी “कर्मठता” इतनी महान है कि आने वाले चुनाव में जनता से वोट मांगने के लिए इन्हें नाव लेकर घर-घर जाना पड़ेगा। हर साल मानसून पूर्व कार्यों के लिए महानगरपालिका करोड़ों खर्च करती है, लेकिन हकीकत यह है कि ये पैसे आखिर जाते कहां हैं? यह बड़ा सवाल उठता है। मंत्रालय, मुंबई महानगरपालिका प्रशासन और ठेकेदारों की भ्रष्ट युति ही इस बर्बादी की असली वजह है।

मुंबई महानगरपालिका ने वर्ष 2025-26 के लिए 74,427 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया, जो कि 2024-25 के बजट की तुलना में लगभग 14.19% अधिक है। यह बीएमसी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट में सड़कों और ट्रैफिक विभाग के लिए 5,100 करोड़ रुपये तथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 5,545 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 2024 में नाला सफाई पर 249.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 2025 में नाला सफाई और मिठी नदी की गाद निकालने पर 395 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके लिए 31 ठेकेदारों को काम सौंपा गया। इसके बावजूद अगर मुंबई में नाला सफाई नहीं हुई ।

उबाठा के तेजतर्रार युवा विधायक सुनिल राउत ने कहा कि भाजपा को केवल बृहन्मुंबई मनपा की सत्ता चाहिए बाकि कामों से उसे क्या लेना देना। जितना समय सरकार और उनके मंत्री संतरी बिना सिर पैर के मुद्दों पर जनता को उल्लू बनाने में लगे हैं।
इनको केवल चुनाव और जीत चाहिए जनता कैसे किस तरह की परेशानी झेल रही है इनको कोई लेना देना नहीं।

इस विषय पर शिवसेना उबाठा के कट्टर समर्थक नरेंद्र सावंत ने कहा कि मनपा के अधिकारियों , ठेकेदारों और सत्ताधारियों की भ्रष्ट युति के कारण लोगों को पानी पानी होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि वे जिस जिस क्षेत्र में गये उसमें से एक जगह भी नालों की साफ-सफाई का अब तक मूहूर्त ही नहीं निकला है।

इस विषय पर भाजपा के युवा नेता डॉ नीतेश राजहंस सिंह ने कहा कि,” तमाम सरकारी हिदायतों के बावजूद मनपा कर्मचारियों ने ठेकेदारों से नालों -गटरो की सफाई नहीं करवाई। गटारो की सफाई न होने के कारण बरसात का पानी रास्तों पर फैला और जगह जगह पानी भर गया। इस लापरवाही के लिए भ्रष्ट मनपा अधिकारियों और संबंधित ठेकेदारों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
राकांपा शरद पवार गुट के युवा नेता एडवोकेट अमित पाटिल ने कहा कि ठेकेदारों और अधिकारियों की कामचोरी का प्रतिफल है कि पहली ही बारिश में लोगों को पानी में जूझना पड़ रहा है। उन्होंने महायुति सरकार की इसे विफलता बताया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button