टीबी को हराने के लिए मुंबई मनपा ने शुरू किया ‘मिशन 100 डेज’
मुंबई : ‘क्षयरोग’ यानी टीबी की बीमारी भारत में स्वास्थ्य से संबंधित बड़ी समस्याओं में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ ) के अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में क्षय रोग के सर्वाधिक मरीजों के मामले में भारत पहले पांच प्रमुख देशों में शामिल है। 2020 में दुनिया भर में पाए गए टीबी के मामलों में से 26% मामले भारत से ही सामने आए थे। एक अनुमान के अनुसार भारत में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 192 टीबी मरीज पाए जाते हैं, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 के अंत तक देश को क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी लक्ष्य के तहत मुंबई मनपा 100 दिनों में टीबी को हराने के लिए एक खास शुरू करने जा रही है।शनिवार से शुरू हुआ अभियानभारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अंतर्गत आनेवाले केंद्रीय क्षय रोग विभाग एवं राज्य सरकार से मिले निर्देशों के अनुरूप मुंबई मनपा अपने 26 वार्डों में 7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक “100 दिवसीय अभियान” शुरू हुआ। इस अभियान के तहत टीबी रोगियों की पहचान की गति को बढ़ाना, टीबी के प्रसार को कम करना, टीबी से होने वाली मृत्यु दर को कम करना और टीबी के नए मामलों को रोकने का लक्ष्य मनपा आयुक्त एवं प्रशासक भूषण गगरानी ने अपनी टीम को दिया है।ऐसी है मनपा की योजनामुंबई मनपा के स्वास्थ्य विभाग ने जन भागीदारी के माध्यम से मुंबई मनपा क्षेत्र में इस अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन की योजना बनाई है। अभियान के दौरान उच्च जोखिम वाली आबादी और टीबी रोगियों की संभागवार मैपिंग की जाएगी। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की नैट और एक्स-रे की मदद से टीबी की जांच की जाएगी। मरीजों का तुरंत और उचित इलाज किया जाएगा। टीही मरीजों को निक्षय मित्र बनाकर पोषण के साथ-साथ पोषण संबंधी सहायता के लिए निक्षय पोषण योजना का लाभ दिया जाएगा। साथ ही, मरीजों का फॉलोअप और नियंत्रण भी किया जाएगा। जिन लोगों को टीबी नहीं है, लेकिन वे रोगी के संपर्क में हैं, उन्हें क्षय रोग निवारक उपचार दिया जाएगा। मनपा के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने ऑडियो विजुअल सिस्टम के माध्यम से सभी वार्डों के अधिकारियों को जागरूक किया है। इसमें 200 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया है।ये रहेंगे मुख्य टारगेटमनपा के इस अभियान में उच्च जोखिम वाली आबादी में 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, मधुमेह और एचआईवी मरीज शामिल हैं। इसमें धूम्रपान करने वाले, कुपोषित व्यक्ति, तपेदिक के संपर्क में आने वाले व्यक्ति और कैंसर रोगियों की प्रमुखता से जांच की जाएगी। ऐसे लोग जिनमें दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, बुखार, रात को पसीना, सीने में दर्द, थकान, वजन कम होना, शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ, हाल के शारीरिक परिवर्तन, कमर में रक्तस्राव, पुरानी बीमारी जैसी 10 शिकायतें हों, उन लोगों से मनपा अस्पतालों में उपलब्ध सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की जाएगी। मनपा की ओर से मुंबई के सभी नागरिकों और सार्वजनिक संस्थानों, आईएपी, आईएमए, निजी डॉक्टरों और अस्पतालों से 100 दिनों के इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की गई है।