सती जत्रोत्सव की भव्य पालकी यात्रा में झूमे मुलुंडकर


मुंबई – मुलुंड उपनगर चैत्र पूर्णिमा शुक्ल पक्ष पर पिछले चार सौ सालों से आयोजित मुलुंड के गांव वालों की आराध्य मां सती देवी, नर्मदा देवी, और गांव देवी तीन देवीयों का जत्रोत्सव पालकी धूमधाम से निकाली गई।
सुबह से ही जुना मुलुंड राजेन्द्र प्रसाद रोड स्थित मां सती देवी मंदिर में गांव वालों का आना जाना शुरू हो गया था धार्मिक पूजन, हवन और बलिदान किया गया उसके उपरांत ग्वाणपाडा से मां की पालकी की भव्य शोभायात्रा यहां पहुंची।जिसमें ग्वांणपाडा,नानेपाडा, ऐरोली,माजिवाडा, नवघर समेत मुंबई और ठाणे के गांव वालों ने मां सती देवी का आशीर्वाद लिया ।
गांव वालों के पारंपरिक वाद्य यंत्रों और ढोल ताशे बाजे के साथ नाचते ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस अवसर पर पूर्व नगरसेविका मीनाक्षी पाटिल ने बताया कि सदियों से हमारी कुलदेवियों की पूजा की परंपरा चली आ रही है, पचास साल पाटिल परिवार में मैंने भी एक बहु होकर मां सती देवी की पूजा अर्चना की।
हर साल उनकी इस शोभायात्रा में शामिल हो रही हूं हमारे गांव का पूरा परिवार और सभी रिश्तेदार इस पालकी में शामिल होते हैं। समेत सैकड़ों ग्रामीण देवी भक्तों को इस उनके पूर्वजों की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने पर सुखद अनुभव करते देखा गया।इस पालखी शोभायात्रा में गांव वालों की तीन तीन पीढ़ियों को शामिल होते देखा गया।
हर कंधा मां सती की पालकी को उठाने को तैयार दिखा।गुलाल उड़ाते थिरकते नवयुवक, नवयुवतियों को शोभायात्रा में देखा गया। पालकी ग्वांणपाडा से शुरू होकर सती देवी मंदिर पहुंची और इसके बाद मां नर्मदा देवी मंदिर में समापन हुआ।