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महाराष्ट्र की समृद्धि के लिये मोदी का नेतृत्व

महाराष्ट्र देश के सबसे समृद्ध 7 राज्यों में प्रथम है जिसकी प्रति व्यक्ति आय लगभग 3 लाख 33 हज़ार है । 3 लाख 7 हज़ार 7 सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का प्रदेश समुद्र और 6 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश से घिरा है ।प्रदेश में सम्पूर्ण भारत के नागरिकों के साथ ही विश्व के विभिन्न देशों के नागरिक निवास करते है। देश की आर्थिक राजधानी का दर्जा केंद्रीय बजट में 14 प्रतिशत का योगदान देने से हासिल हुआ है जिसे बढ़ाने के लिये महायुति सरकार प्रयास कर रही है।इस आर्थिक शक्तिकेमूलहमारे किसान,कामगार,व्यवसायी व उघोगपति है जो अपनी अथक मेहनत व दूरदृष्टि से लगातार काम करते हुए प्रदेश को समृद्ध बनाने में लगे है । यह लोग मन लगा कर काम कर सके इसके लिये आवश्यक है कि राज्य सरकार सुरक्षा और न्याय प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाये तथा प्रशासनिक अधिकारियों को क़ानूनसगंत कार्य करने के लिये मज़बूत नेतृत्व दे ।

महाराष्ट्र के इस गतिशील आर्थिक विकास को अधिक समृद्ध बनाने के लिये तथा प्रथम राज्य का दर्जा बनाए रखने के लिये बेहतर राजनैतिक वातावरण व प्रशासनिक व्यवस्था की ज़रूरत है जिसके पास वर्तमान समृद्धि को बनाए रखने व भविष्य में इसके इज़ाफ़े की योजना हो । इस परिदृश्य में महाराष्ट्र की इस ज़रूरत को कौन पूरा कर सकता है ? इस के जवाब में महायुति के तीनों प्रमुख नेता- एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और देवेंद्र फड़नवीस की टीम ही सामने आती हैं जिनमें प्रदेश के लिये काम करने की क्षमता व दृष्टिकोण है । इन नेताओं की सफलता की उड़ान के लिये केन्द्र में मज़बूत सरकार और उसका सहयोग ज़रूरी है । महाराष्ट्र की इस ज़रूरत को देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय नेता श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में इन नेताओं का संयुक्त नेतृत्व प्रदेश के विकास एवं कल्याण की अपार सम्भावनाएँ रखता है। गत महिनों में महायुति की सरकार ने अपने निर्णयों व कार्यप्रणाली से प्रदेश में इस बात को सिद्ध किया है कि यह सरकार अभी तक महाराष्ट्र में बनी सरकारों में सबसे बेहतर और शीघ्र निर्णय लेने वाली सरकार है ।

महाराष्ट्र सरकार की इस सफल कार्य प्रणाली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि उनकी लम्बी (1982) राजनैतिक सक्रियता व प्रशासनिक क्षमता के साथ ही संगठनात्मक दक्षता को दशकों से महाराष्ट्र ने अनुभव किया है। उनका सबको साथ लेकर चलने का गुण व प्रदेश के विकास के लिये रात दिन अथक काम करना प्रदेशवासियों के लिये नया नहीं है । जनता से लगातार सम्पर्क के कारण ज़मीनी हक़ीक़त की जानकारी होने से प्रदेश की समस्याओं पर पैनी नज़र हमेशा रहती है इसके फलस्वरूप उनके निर्णय हमेशा हितकारी, त्वरित व सटीक होते है जिसके कारण जनता को राहत मिलती है।

अजीत पवार ने अपने निर्णयों से स्वयं को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित कर लिया है जिनके बारे में आम आदमी भी विश्वास के साथ कहता है कि अगर दादा ने कह दिया है तो पूरा होगा । यही कारण है कि कोविड के कठिन समय में महाराष्ट्र में प्रत्येक पीड़ित को उपचार मिल सका ।अजीत पवार आज देश के एक ऐसे राजनेता हैं जिनके पास वित्तीय प्रबंधन का लम्बा अनुभव है ।उनकी वित्तीय समस्याओं से निपटने के कौशल की चर्चा मंत्रालय के गलियारों में आम है । अल्पसंख्यकों, महिलाओं व किसानों के उत्थान के लिये उनके फ़ैसले महाराष्ट्र के विकास में मील के पत्थर सिद्ध हुये है।
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आज महाराष्ट्र को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो किसानों को अच्छे बीज उपलब्ध करा सके,उनकी उपज का अच्छा मूल्य दिला सके ,रोज़गार वृद्धि के साथ आम आदमी की आय को बढ़ा सके । प्रदेश में नागरिकों को अच्छे व सुविधाओं से युक्त शहरों का निर्माण कर सके है क्योंकि आमदनी बढ़ने के साथ रहन-सहन में भी परिवर्तन होता है जिसके लिये सरकार को पहले से सक्रिय होना पड़ता है ।आज महाराष्ट्र मूलभूत सुविधाओं व संरचना में पहले से बेहतर हुआ है आवागमन के लिए सड़कों का निर्माण,नये एयरपोर्ट व बन्दरगाहों का विकास हुआ है मगर अभी एक लम्बा रास्ता तैय करना है । प्रदेश में शिक्षा के स्तर को विश्व स्तरीय बनाने के लिये काम होना है वहीं शासकीय प्रणाली में भी आवश्यकता के अनुरूप परिवर्तन करना है ।

महाराष्ट्र का तेजी से हो रहा शहरीकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, रोज़गार, यातायात की सुविधा, सबके लिये आवास व पर्यावरणीय विकास के साथ शहरी विकास को संतुलित करने के लिये अनुभवी राजनेता ज़रूरी है । प्रदेश में पानी के बेहतर प्रबंधन व क़ानून व्यवस्था के साथ प्रशासनिक मशीनरी को चुस्त-दुरुस्त करने की भी आवश्यकता है । इन क्षेत्रों को यह तीनों नेता बेहतर तरीके से समझते है जिसमें अजीत पवार का वित्तीय प्रबंधन का अनुभव अधिक होने का लाभ सरकार के प्रत्येक फ़ैसले पर पड़ता है । यही कारण है कि विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए इन नेताओं का सामूहिक नेतृत्व महाराष्ट्र के विकास को नई गति दे रहा है ।

उल्लेखित ज़रूरतें बहुत ही प्रारंभिक व सतही है अभी इसमें सैकड़ों पहलू अनछुये है ।इन प्रमुख बिंदुओं के विकास के लिये भी प्रदेश को दूरदृष्टि के साथ मज़बूत इरादों वाले नेतृत्व की आवश्यकता है जो आज नरेंद्र मोदी व महाराष्ट्र के तीन शिल्पकारों सर्वश्री एकनाथ शिन्दे,अजीत पवार और देवेन्द्र फडनवीस के रूप में है । नरेन्द्र मोदी के पक्के इरादों के साथ प्रदेश का यह युवा नेतृत्व जिन्हें राजनैतिक दृष्टि से युवा नेतृत्व भी माना जा सकता है जिसमें अजीत पवार- 64 एकनाथ शिन्दे 60 तथा देवेन्द्र फडनवीस 53 वर्ष के ऐसे अनुभवी नेता हैं जिनकी ज़रूरत आज महाराष्ट्र की समृद्धि के विकास के लिए ज़रूरी है ।

महाराष्ट्र में आज इन सब बातों के कारण लोकसभा के चुनाव में प्रदेश की 48 सीटों पर मतदाताओं का रुझान एनडीए के प्रत्याशियों के पक्ष में जाता दिख रहा है क्योंकि प्रदेश की समृद्धि और तेज विकास के पक्षधर जानते हैं कि देश में महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति को प्रथम बनाये रखने के लिये नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का गठन और प्रदेश में अजीत पवार,एकनाथ शिन्दे व देवेन्द्र फडनवीस का नेतृत्व ज़रूरी है ।

लेखक-बृजमोहन श्रीवास्तव,
राष्ट्रीय महामंत्री व प्रमुख राष्ट्रीय प्रवक्ता,
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी.

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