महारेल से कई कर्मचारियों की छुट्टी
विपक्ष महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा जोर शोर से उठा रहा है इस बीच रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार की संयुक्त महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (महारेल ) में कार्यरत 100 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.


मुंबई। देश में आम चुनाव का बिगुल बज चुका है केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने से नहीं चूक रहे है.चुनाव में
विपक्ष महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा जोर शोर से उठा रहा है इस बीच रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार की संयुक्त महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (महारेल ) में कार्यरत 100 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.नाम न छापने पर एक कर्मचारी ने बताया की नौकरी से हमें निकाले जाने से पहले महारेल की तरफ कोई वजह नहीं बताया गया है.जानकारी के अनुसार नौकरी से निकाले जाने के बाद तीन से चार कर्मचारियों ने महारेल के निर्णय के विरोध में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने महारेल के निर्णय पर रोक लगा दिया है.न्यायालय के निर्णय के बाद कर्मचारियों को राहत मिल गई है.लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी कर्मचारी है जिनकी नौकरी पर तलवार लटक रही है.इसमें से कई कर्मचारियों को नोटिस देकर घर पर बैठा दिया गया है.कर्मचारियों का आरोप है कि महारेल और हमारे बीच जो करार हुआ है उसकी अवधि अभी तक ख़त्म नहीं हुआ इसके बावजूद हमे बीच में ही नौकरी से निकाला जा रहा है जो ठीक नहीं है.इतनी बड़ी संख्या में कमर्चारियों अचानक में निकाल दिए जाने के बाद वो कहा जाएंगे। कर्मचारियों के बीच इसकी चर्चा है. एक कर्मचारी के पीछे कम से परिवार में चार लोग है 100 कर्मचारी से निकाले जाने के बाद 400 से अधिक सदस्य प्रभावित होंगे। निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि महारेल के अधिकारियों को अपने निर्णय पर एक बार दोबारा विचार करना चाहिए। बता दें कि राज्य में लेवल क्रॉसिंग के बदले आरओबी का निर्माण, नई रेलवे लाइन का निर्माण और महाराष्ट्र के क्षेत्र में मौजूदा रेलवे लाइनों का विस्तार के लिए साल 2018
रेल विभाग और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (महारेल ) की स्थापना की थी शुरुआत में बड़ी संख्या में कमर्चारियों की नियुक्ति की गई थी नियुक्ति करते समय महारेल और कर्मचारियों के बीच दो से तीन साल का एग्रीमेंट हुआ है.जो अग्रीमेंट की तारीख की अवधि ख़त्म होने से पहले एक -एक कर कर्मचारियों को नोकरी से निकाला जा रहा है कमर्चारियों का ऐसा आरोप है.महारेल राज्य में रेलवे फाटक पर आरओबी और ब्रिज बनाने का काम करती है मिली जानकारी के अनुसार साल 2018 से अब तक कुल 24 पुल का निर्माण किया जा चुका है.जबकि बड़ी संख्या में ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू है.
महारेल के पास नहीं है काम – जायसवाल (एमडी महारेल ) महारेल के कर्मचारियों को निकाले जाने पर महारेल के प्रबंध निदेशक (मैनेजिंग डायरेक्टर) राजेश कुमार जायसवाल ने कहा की महारेल के पास काम नहीं है.शुरुआत के दौर में कई ब्रिज और रेलवे लाइन का काम था लेकिन अब महारेल के पास पहले की तुलना में काम नहीं है इसलिए कुछ पुराने कर्मचारियों सिर्फ निकाला गया है.उन्होंने 100 से अधिक कर्मचारियों को निकाले गए खबर को गलत बताया उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को नहीं निकाला गया है.जायसवाल ने बताया की महारेल की स्थापना होने के बाद शुरुआत में किसी कर्मचारियों को दो तो किसी को तीन साल के लिए (कांट्रैक्ट) संविदा पर रखा गया था बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी है जिनके संविदा (कांट्रैक्ट) की अवधि पूरी होने के बाद वो बेरोजगार न हो इसके लिए कंपनी ने उनके कांट्रैक्ट की अवधि बढ़ाकर पांच साल कर दिया लेकिन महारेल की मज़बूरी यह है की कंपनी के पास काम नहीं है कुछ टेंडर जो मिले भी थे वो वापस ले लिए गए इसलिए महारेल के पास कोई काम नहीं है इसलिए जिन कमर्चारियों कांट्रैक्ट की तारीख ख़त्म या ख़त्म होने में दो से तीन महीने बाकि उन्हें दूसरी जगह नौकरी ढूंढ़ने के लिए कह दिया गया है.राजेश जायसवाल ने बताया की राज्य में रेलवे से जुड़ी परियोजना जैसे रेलवे फाटक पर ब्रिज का निर्माण कार्य रेलवे लाइन बिछाना जैसे अन्य निर्माण कार्य के लिए रेलवे विभाग और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर संयुक्त महारेल की स्थापना की थी पूरे राज्य में अब तक करीब 24 ब्रिज का निर्माण कार्य किया जा चुका है इसके साथ करीब 50 से 60 ब्रिज का काम प्रगति पर है ।
तीन साल का मिला है एक्सटेंशन
राजेश कुमार जायसवाल से यह पूछे जाने की वे 31 मार्च 2024 को निवृत हो गए है. उसके बावजूद महारेल से जुड़े हर निर्णय ले रहे है इस सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा की यह सही है की मैं 31 मार्च को रिटायरमेंट हो चूका हूँ लेकिन रेलवे विभाग ने मुझे तीन साल का एक्सटेंशन दिया है। मैं इसकी जानकारी कर्मचारियों को तो नहीं दे सकता।