महाराष्ट्र सदन घोटाले का मामला


भुजबल की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित
-पूर्व प्रधान सचिव के वकील गिरीश कुलकर्णी ने याचिका पर उठाए सवाल
-सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया की याचिका पर सुनवाई
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी (अजीत गुट) के विधायक छगन भुजबल की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 28 अप्रैल तक स्थगित कर दी। अदालत इस बात पर विचार कर रही है कि इस आदेश को चुनौती देने का कानूनी अधिकार किसके पास है?
क्या है मामला?
सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने याचिका दायर कर महाराष्ट्र सदन घोटाले में आरोपी छगन भुजबल की रिहाई को चुनौती दी। पूर्व प्रधान सचिव के वकील गिरीश कुलकर्णी ने दमानिया की याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह न तो शिकायतकर्ता हैं और न ही गवाह, तो क्या उन्हें रिहाई को चुनौती देने का अधिकार है? उन्होंने दलील दी कि ऐसे मामलों में केवल राज्य सरकार को ही हाईकोर्ट जाने का अधिकार है।
कोर्ट की कार्यवाही और सुनवाई स्थगित
न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे की एकलपीठ ने बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई की। अदालत को पहले यह तय करना है कि दमानिया को यह याचिका दायर करने का कानूनी अधिकार है या नहीं। पहले यह मामला न्यायमूर्ति एस.एम. मोडक की पीठ को सौंपा गया था, लेकिन वे वर्तमान में खंडपीठ में न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल के साथ सुनवाई कर रहे हैं। दमानिया के वकील रिजवान मर्चेंट ने अदालत से आग्रह किया कि रजिस्ट्री यह स्पष्ट करे कि याचिका पर कौन सी पीठ सुनवाई करेगी।
28 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
चूंकि लोक अभियोजक बुधवार को अनुपस्थित थे, इसलिए अदालत ने याचिका पर फैसला टाल दिया। अब इस मामले पर 28 अप्रैल को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी।