Mumbai Maharashtra

साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक रिश्ता प्रगाढ़ होता नजर आया।

हर दौर में प्रासंगिक रहेंगे अटलजी● शताब्दि महाकुंभ में लगी स्मृतियों की डुबकी● सम्मान पाकर भावुक हुए यूपी विस अध्यक्ष

अमर त्रिपाठी वरिष्ठ कवि और साहित्य संपादक स्वतंत्र जनसमाचार*

देश के दिग्गज राजनेता और आदर्श प्रधानमंत्री रहे दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में बुधवार को मुंबई हुए एक अभूतपूर्व कार्यक्रम में उनके रचित काव्य व गीतों के संग उनकी स्मृतियों की तरंगों ने भावुकता और उत्साह का जोशपूर्ण उमंग फैलाया। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक व प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री आशीष शेलार ने जब उत्तरप्रदेश के विधानसभाध्यक्ष

साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक रिश्ता प्रगाढ़ होता नजर आया। महानाजी इतने भावुक हुए कि उनके वक्तव्य में अटलजी से जुड़ी अनेक स्मृतियां जीवंत हो उठीं। उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी में जब अटलजी बैठते थे तो उनका ड्राइवर बनने पर आत्मीय सन्तुष्टि मिलती थी। श्री महाना ने कहा कि मुझे यूनिवर्सिटी ने डी.लिट्. की उपाधि दी है, लेकिन यह ‘अटल सम्मान’ मेरे लिए डाॅक्टरेट की उस उपाधि से भी बड़ी उपलब्धि है।

विलेपार्ले में खचाखच भरे दीनानाथ मंगेशकर सभागृह में हुए इस वार्षिक कार्यक्रम में फिल्म अभिनेता शेखर सुमन, टीवी कलाकार शैलेश लोढ़ा, मराठी अभिनेता तुषार दलवी और किशोर कदम आदि ने अत्यंत ही अद्भुत अंदाज में अटलजी की कविताएं सुनाईं तो हर शब्द पर रोमांच बढ़ता रहा और तालियां गूंजती रहीं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने संदेश में कहा कि अटलजी के रास्ते पर चल कर विकसित महाराष्ट्र बनाना है। उन्होंने ही सिखाया है कि अब रूकना नहीं है।

फडणवीस ने अटलजी की पंक्तियां भी गुनगुनाईं और संयोजक अमरजीत मिश्र की प्रशंसा की।मुंबई में साहित्यिक- सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला के लिए पहचानी जाने वाले ‘दीप कमल फाऊंडेशन’ के अध्यक्ष अमरजीत मिश्र के संयोजन में प्रतिवर्ष होने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ में महाराष्ट्र के कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने किया।

उन्होंने अटलजी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्री लोढा ने कहा कि अटलजी ने कहा था कि ‘अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा…’, आज उनका कथन सर्वत्र चरितार्थ हुआ दिख रहा है। इस अवसर पर आशीर्वचन देने अयोध्या धाम से पहुंचे हनुमान गढ़ी के सुप्रसिद्ध महंत राजूदास ने कहा कि अटलजी ने देश की सांस्कृतिक विरासत को अखंड और विकसित करने का जो सपना संजोया था उसे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा करते दिख रहे हैं, इसीलिए वे जन-जन के प्रिय हैं।

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि अटलबिहारी वाजपेयी का महाराष्ट्र और खासकर मुंबई से इतना ज्यादा लगाव था कि उन्होंने यहां एक अधिवेशन में महाराष्ट्र की सुप्रसिद्ध पूरनपोली खाने की मांग कर दी। वे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने मुंबई में आकर मराठी नाट्य देखने और गणेशोत्सव के दौरान गलियों में घुसकर दर्शन करने की इच्छा जताई। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री रहते हुए जब उन्हें घुटने का ऑपरेशन कराना था तो वे दुनियाभर के अस्पतालों को छोड़कर सीधे मुंबई में पहुंचे थे।

बोरीवली के नवनिर्वाचित उत्तरभारतीय विधायक संजय उपाध्याय ने ‘जयघोष’ के नारे लगवाए। उन्होंने कहा कि अटलजी के सपनों का भारत बनाने और भारत की सनातन संस्कृति विरासत को संभालने- संवारने की जिम्मेदारी आज की पीढ़ी पर है।

इस अवसर पर अभिनेता शेखर सुमन ने याद किया कि किस तरह प्रधानमंत्री का अपना काफिला रोककर अटलजी ने उन्हें गले लगाया था। पूर्व उप महापौर अरूण देव और पूर्व मंत्री भाई गिरकर ने भी अनेक प्रेरक स्मृतियां बताईं। कार्यक्रम में अनेक राजनेता, कलाकार, पत्रकार, सांस्कृतिक, साहित्यिक, शैक्षणिक हस्तियां व भारी संख्या में लोग उपस्थित हुए। संयोजक अमरजीत मिश्र ने उपस्थितजनों का आभार माना।

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