Mumbai Maharashtra

किसान सम्मान पदयात्रा में कांग्रेस ने पूछा 16 वादों का क्या हुआ? : हर्षवर्धन सपकाल.

प्रधानमंत्री मोदी को उनके वादों की याद दिलाने के लिए यवतमाल के दाभड़ी में कांग्रेस की ‘किसान सम्मान पदयात्रा’।

यवतमाल/मुंबई, 3 मई 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में यवतमाल ज़िले के दाभड़ी गांव में ‘चाय पर चर्चा’ के दौरान किसानों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाऐं की थीं। उन्होंने कहा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी करेंगे, किसानों का कर्ज़ माफ़ करेंगे, फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना एमएसपी देंगे, हर खाते में 15 लाख रुपये डालेंगे, हर साल 2 करोड़ रोजगार देंगे — लेकिन इन 11 वर्षों में इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। आज किसानों की हालत बेहद खराब हो गई है, इसी कारण कांग्रेस पार्टी ने किसानों के सम्मान के लिए पदयात्रा शुरू की है, और इस यात्रा की गूंज आर्णी से मुंबई होते हुए दिल्ली तक पहुँचाई जाएगी, ऐसा बयान महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार में जो वादे किए थे, उनकी याद दिलाने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल के नेतृत्व में यवतमाल ज़िले के दाभड़ी स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से ‘किसान सम्मान पदयात्रा’ शुरू की गई। यात्रा की शुरुआत से पहले हर्षवर्धन सपकालने पोहरादेवी के दर्शन किए। इस पदयात्रा का समापन कृषि उत्पन्न बाजार समिति में एक सभा के साथ हुआ। इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कार्याध्यक्ष शिवाजीराव मोघे, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष माणिकराव ठाकरे, कांग्रेस वर्किंग कमिटी की सदस्य व प्रदेश कार्याध्यक्ष सांसद प्रणिती शिंदे, सांसद प्रतिभा धानोरकर, पूर्व मंत्री अनिस अहमद, महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष संध्या सव्वालाखे, पूर्व मंत्री वसंत पुरके, विधायक राजेश राठौड़, विधायक अनिल मांगूलकर, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन जोशी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रफुल्ल मानकर, सचिन नाइक सहित हज़ारों किसान उपस्थित थे।

हर्षवर्धन सपकाल ने आगे कहा कि किसान को अन्नदाता कहा जाता है। कहा जाता है कि लाखों मर जाएं चलेगा, लेकिन अन्नदाता जीवित रहना चाहिए — पर आज उसी अन्नदाता की हालत दयनीय है। आज चना, कपास, सोयाबीन, अरहर, प्याज जैसी किसी भी फसल को सही भाव नहीं मिल रहा, जिससे किसान की आँखों में आँसू हैं, उसे मेहनत का पैसा नहीं मिल रहा। सोयाबीन तेल की कीमत 165 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन सोयाबीन की कीमत केवल 35–40 रुपये प्रति किलो मिल रही है। तेल के भाव को देखते हुए सोयाबीन को 9000 रुपये प्रति क्विंटल मिलना चाहिए, लेकिन नहीं मिल रहा। बीच का सारा मुनाफा कौन खा रहा है? अदानी खा रहा है। भाजपा ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाया, लेकिन उसके लिए झंडे पॉलिस्टर के बनवाए और वो पॉलिस्टर चीन से मंगवाया। भाजपा सरकार सिर्फ अदानी-अंबानी का भला कर रही है। आज इस सरकार से सवाल पूछना जरूरी है। अगर आज सवाल नहीं पूछा गया तो भविष्य बहुत कठिन होगा। कांग्रेस पार्टी किसानों के लिए लड़ाई लड़ रही है — इस लड़ाई में सभी को सहभागी होना चाहिए, ऐसा आह्वान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने किया।

इस अवसर पर गोवा प्रभारी माणिकराव ठाकरे, पूर्व मंत्री शिवाजीराव मोघे, वसंत पुरके, सांसद प्रणिती शिंदे और सांसद प्रतिभा धानोरकर ने भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर जोरदार हमला बोला।

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