Uttarakhand

उत्तराखंड में अवैध खनन पर फंसी धामी सरकार ?

Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल से जुड़े मामले को लेकर लंबे समय तक फजीहत झेलने के बाद पुष्कर सिंह धामी सरकार अपनी ही पार्टी के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा प्रदेश में जारी ‘अवैध खनन’ का मुद्दा उठाए जाने से एक बार फिर असहज स्थिति में पड़ती दिखाई दे रही है. बीजेपी सांसद ने गुरुवार को संसद में कहा था कि उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों में रात के समय अवैध रूप से खनन ट्रकों का संचालन किया जा रहा है, जो न केवल कानून व पर्यावरण सुरक्षा के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है.

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद खनन माफिया रात के समय बिना किसी वैध अनुमति के ट्रकों में क्षमता से अधिक खनिजों की तस्करी कर रहे हैं, जिससे सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढ़ांचे को भारी क्षति हो रही है. रावत ने यह भी कहा था कि इन ट्रकों के लापरवाह और तेज गति से चलने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है. उन्होंने ट्रक चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, नशे की हालत में वाहन चलाने और स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत के कारण स्थिति को भयावह बताते हुए इस संबंध में प्रभावी कार्रवाई करने को कहा था.

अवैध खनन को लेकर बीजेपी सांसद ने उठाए सवाल

बीजेपी सांसद ने केंद्र और राज्य सरकार से अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए एक विशेष कार्य बल बनाने का भी आग्रह किया था. राज्य में अवैध खनन की भयावह तस्वीर पेश करने से धामी सरकार बचाव की मुद्रा में आ गई है, सरकार ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि प्रदेश के खनन विभाग के निदेशक बृजेश कुमार संत ने राज्य में अवैध खनन बढ़ने के आरोपों को ‘पूर्णतया निराधार, असत्य और भ्रामक’ करार दिया तथा कहा कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण उत्तराखंड गठन के बाद मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक की खनन राजस्व में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज होना है.

निदेशक ने कहा कि, यह राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में दोगुना से ज्यादा हो गया है. यह पहली बार है, जब खनन राजस्व के लिए तय किया गया लक्ष्य न केवल पूरा किया गया बल्कि उससे 200 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त किया गया. यह खनन विभाग की उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि इससे यह सिद्ध होता है कि प्रदेश में अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण लगा है. प्रदेश में तहसील, जिला और राज्य तीनों स्तरों पर कार्य बल है, जो अवैध खनन पर लगातार निगरानी करती है. 

अधिकारी ने रात्रि में खनन ट्रकों के संचालन पर बताया कि शहरों में दिन में भारी वाहनों के संचालन की अनुमति न होने के कारण ही खनन ट्रक रात में चलते हैं. उत्तराखंड पर्यटन खासतौर पर तीर्थाटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए यतायात बाधित न हो और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना को न्यूनतम करने के लिए ट्रकों का संचालन रात में किया जाता है.

कांग्रेस ने भी धामी सरकार को घेरा

अवैध खनन के मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस ने भी राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा सांसद के बयान ने प्रदेश में खनन माफिया राज के आरोपों पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, “अब यह बात पुख्ता हो गयी है कि कांग्रेस द्वारा प्रदेश में अवैध खनन के बारे में लंबे समय से जाहिर की जा रही चिंताएं सही हैं.” उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से खनन पर श्वेत पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की. भाजपा की उत्तराखंड इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि खनन राजस्व में हुई अप्रत्याशित वृद्धि से कांग्रेस बौखला गयी है.

चौहान ने कहा, “धामी सरकार की पारदर्शी नीति के कारण कांग्रेस के चहेतों के बीच खनन पटटों की बंदरबांट भी बंद हो गयी है और इसलिए वह अनर्गल आरोप लगा रही है.” चौहान ने हरिद्वार से सांसद रावत के संसद में दिए बयान के बारे में कहा कि रावत उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और इस मुद्दे को उठाए जाने के अपने विचार के बारे में वह स्वयं ही बता पाएंगे. 

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