नासिक सिंहस्थ कुंभ मेला की तिथियां हुई घोषित


नासिक और त्र्यंबकेश्वर के सिंहस्थ कुंभ मेला ३१अक्टूबर२०२६ को सनातन धर्म की ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा इसको लेकर सभी तेरह अखाड़ों के साधुओं और महंतों ने रविवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में गहरा मंथन किया। जिसमें सिंहस्थ कुंभ मेले की तिथियां तय की गईं।
नासिक और त्र्यंबकेश्वर में सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 को ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा। पहला अमृतस्नान 2 अगस्त 2027 को, तीसरा अमृतस्नान 11 सितंबर को नासिक में और 12 सितंबर को त्र्यंबकेश्वर में होगा। कुंभ का समापन 24 जुलाई 2028 को होगा। ठीक 75 साल बाद पड़ने वाले त्रिखंड योग के कारण यह कुंभ मेला 12 की बजाय 22 महीने का होगा। इस अवसर पर मुख्य पर्वों के अलावा पर्व स्नान के लिए कुल 97 मुहूर्त पुरोहित संघ द्वारा घोषित किए गए।

मंथन बैठक में ये थे उपस्थित
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी महाराज, पुराने अखाड़े के महंत हरिगिरि महाराज, महंत भक्ति चरणदास, कुंभ मेला मंत्री गिरीश महाजन, मंत्री दादा भुसे, नरहरि जिरवाल, विधायक हीरामन खोसकर, सीमा हिरे, राहुल ढिकले, राहुल अहेर, संभागीय आयुक्त प्रवीण गेदाम, जिला कलेक्टर जलज शर्मा, नगर निगम प्रशासक मनीषा खत्री, पुलिस आयुक्त संदीप कार्णिक, नासिक के विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्तात्रेय कराले, नासिक के अध्यक्ष उपस्थित थे। वहीं पुरोहित संघ के सतीश शुक्ला, त्र्यंबकेश्वर पुरोहित संघ के अध्यक्ष मनोज थेटे आदि मौजूद थे।
मुख्य स्नान
नासिक और त्र्यंबकेश्वर में सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 को ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा। पहला अमृत स्नान 2 अगस्त 2027 को, तीसरा अमृत स्नान 11 सितंबर को नासिक में और 12 सितंबर को त्र्यंबकेश्वर में होगा। कुंभ का समापन 24 जुलाई 2028 को होगा। ठीक 75 साल बाद पड़ने वाले त्रिखंड योग के कारण यह कुंभ मेला 12 की बजाय 22 महीने का होगा। इस अवसर पर मुख्य पर्वों के अलावा पर्व स्नान के लिए कुल 97 मुहूर्त पुरोहित संघ द्वारा घोषित किए गए।
75 साल बाद आ रहा है त्रिखंड योग
सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान गोदावरी नदी में स्नान और दर्शन का अत्यधिक महत्व है। इस बार कुंभ मेला त्रिखंड होगा। इस दौरान बृहस्पति कर्क राशि से सिंह राशि में, फिर कन्या राशि में और फिर सिंह राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए कुंभ मेला 22 महीने तक चलेगा। नासिक में पुरोहित संघ के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने बताया कि इससे पहले 1956 के कुंभ पर्व के दौरान ऐसा योग बना था। नासिक और त्र्यंबकेश्वर में पुरोहित संघ ने 22 महीनों में स्नान, दर्शन और तीर्थ यात्रा के लिए कुल 97 मुहूर्त घोषित किए हैं। इसमें नासिक में 44 और त्र्यंबकेश्वर में 53 स्नान शामिल हैं।