दांत से काटने पर नहीं लगेगा आईपीसी 324बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द की एफआईआर


मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि मानव दांत खतरनाक हथियार की श्रेणी में नहीं आते, इसलिए किसी को दांत से काटने पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 324 लागू नहीं की जा सकती। अदालत ने इस आधार पर एक महिला के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
अप्रैल 2020 में एक महिला ने अपनी भाभी पर लड़ाई के दौरान दांत से काटने का आरोप लगाया था और पुलिस में आईपीसी की धारा 324 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। मामला औरंगाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस विभा कांकनवाड़ी और जस्टिस संजय देशमुख की बेंच के सामने पहुंचा। शिकायतकर्ता ने कोर्ट में मेडिकल सर्टिफिकेट भी पेश किया, जिसमें चोट को सिर्फ सतही दांत के निशान बताया गया था। कोई गंभीर या जानलेवा चोट नहीं थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
IPC की धारा 324 तब लगती है जब किसी खतरनाक हथियार या साधन से जानलेवा हमला किया जाए। मानव दांत स्वाभाविक शरीर का हिस्सा हैं, न कि खतरनाक हथियार। सिर्फ मामूली निशान होने पर गंभीर धाराएं लगाना कानून का दुरुपयोग माना जाएगा। कोर्ट ने यह मानते हुए कि मामला धारा 324 के तहत नहीं आता, एफआईआर को निरस्त करने का आदेश दे दिया।