निकृष्ट कामों पर BMC का सख्त डंडा


सीमेंटीकरण कार्य में लापरवाही पर ठेकेदारों और आरएमसी प्लांट्स पर कड़ी कार्रवाई
दो ठेकेदारों पर 20-20 लाख का जुर्माना, दो साल की निविदा प्रक्रिया से बहिष्कार
मुंबई | मुंबई को गड्ढामुक्त बनाने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा किए जा रहे सड़कों के सीमेंटीकरण कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों और रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC) प्लांट्स पर बड़ी कार्रवाई की गई है।
आरे कॉलोनी के रस्ते पर धीमी और घटिया गुणवत्ता से काम करने वाले एक ठेकेदार को बीएमसी की सभी निविदाओं से अगले दो वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही ₹5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
RMC प्लांट की लापरवाही उजागर – पंजीकरण रद्द, 6 महीने का प्रतिबंध
स्लम्प टेस्ट में खामियां सामने आने पर दो रेडी-मिक्स कंक्रीट प्लांट्स का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। इन प्लांट्स को अगले छह महीनों तक बीएमसी के किसी भी काम में कंक्रीट मिक्स की आपूर्ति करने से प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही प्रत्येक पर ₹20 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
BMC आयुक्त भूषण गगराणी ने दी चेतावनी
लापरवाही पर नहीं होगी कोई रियायत
महानगरपालिका आयुक्त एवं प्रशासक श्री भूषण गगराणी ने स्पष्ट किया है कि सड़क निर्माण में किसी भी तरह की लापरवाही या घटिया गुणवत्ता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
RMC प्लांट पर स्लम्प टेस्ट में फेल होने की कार्रवाई
20 मार्च 2025 को M पूर्व विभाग में चल रहे सड़क कार्य के दौरान एक RMC प्लांट के कंक्रीट स्लम्प में भारी अंतर (160mm प्लांट पर, 170mm साइट पर) पाया गया।
1 अप्रैल को B विभाग में भी स्लम्प टेस्ट में भारी विसंगति (65mm प्लांट पर, 180mm साइट पर) सामने आई।
इन दोनों मामलों में संबंधित ठेकेदारों और RMC प्लांट्स पर 20 लाख-20 लाख का जुर्माना, प्लांट्स का पंजीकरण रद्द और 6 महीने का प्रतिबंध लगाया गया है।
सख्त निगरानी और गुणवत्ता पर फोकस
31 मई 2025 तक सभी सड़कों के कॉनक्रिटीकरण को पूरा करने के लिए माइक्रो-प्लानिंग की गई है।
हर सड़क कार्य की समयसीमा तय की गई है।
इंजीनियरों की उपस्थिति और वरिष्ठ अधिकारियों की आकस्मिक निरीक्षण की व्यवस्था की गई है।
खराब काम करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश जारी हुए हैं।
स्लम्प टेस्ट: गुणवत्ता की कसौटी
‘स्लम्प टेस्ट’ कंक्रीट की गुणवत्ता और कार्यक्षमता मापने का महत्वपूर्ण मापदंड है। यदि मिश्रण में पानी अधिक हुआ तो कंक्रीट कमजोर हो सकती है।
इसीलिए BMC ने प्रत्येक कार्यस्थल और प्लांट दोनों जगह स्लम्प टेस्ट अनिवार्य किया है ताकि सड़कों की मजबूती से कोई समझौता न हो।
BMC का सख्त संदेश – गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं
अतिरिक्त आयुक्त (प्रकल्प) अभिजीत बांगर ने कहा, “ठेकेदारों को सजग रहना होगा, काम में किसी भी त्रुटि पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करेंगे।”BMC का रुख स्पष्ट है – घटिया काम और लापरवाही अब नहीं चलेगी।