
बैंकॉक। म्यांमार में शुक्रवार को शक्तिशाली भूकंप के झटकों से धरती कांप उठी। झटके इतने जोरदार थे कि इसका असर म्यामांर समेत थाईलैंड, भारत, बांग्लादेश और चीन देशों में भी महसूस किया गया। दोपहर 12 बजे के करीब म्यांमार में सबसे पहले 7.7 तीव्रता का भूंकप आया। इसके कुछ देर बाद मांडले शहर के पास 6.4 तीव्रता का शक्तिशाली झटका आया। लगातार दो झटकों के कारण म्यांमार में 20 से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचना है, जबकि 200 लोग घायल हो गए हैं। वहीं थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई। थाईलैंड सरकार ने बताया कि निर्माणाधीन इमारत ढहने से 90 लोग लापता हो गए हैं। हालात को देखते हुए सेना और पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुट गई है। बता दें, 2001 में भारत के गुजरात में स्थित भुज शहर में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 13 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
म्यांमार में आपातकाल लागू
रिपोर्ट में बताया गया कि म्यांमार की सैन्य सरकार ने राजधानी नेपीता और मांडले सहित छह क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। वहीं थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा ने भूकंप के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। थाईलैंड के रक्षा मंत्री फुमथाम वेचायाचाई ने बताया कि भूकंप के बाद सेना बचाव कार्य में जुट गई है।
मध्य म्यांमार था भूकंप का केंद्र
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार था। यह सागाइंग से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में है। यहां 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई में रिक्टर पैमाने पर 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके 12 मिनट बाद मांडले शहर में 6.4 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया। रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के झटके इतने तेज थे कि बैंकॉक में ऊंची इमारतों की छतों पर बने स्वीमिंग पूल का पानी बाहर आ गया तथा कई इमारतों से मलबा गिरने लगा।
मांडले शहर की इमारतें तबाह
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और तस्वीरों के अनुसार म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर और भूकंप के केंद्र के करीब स्थित मांडले में पूर्व शाही महल और इमारतों को नुकसान हुआ है। हालांकि, यह शहर भूकंप संभावित क्षेत्र में है। रिपोर्ट के मुताबिक, मांडले के दक्षिण-पश्चिम में सागइंग क्षेत्र में 90 वर्ष पुराना एक पुल ढह गया तथा मांडले और म्यांमा के सबसे बड़े शहर यंगून को जोड़ने वाले राजमार्ग के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए। भूकंप की वजह से यंगून के निवासी अपने घरों से बाहर निकल आए। किसी के घायल होने या मौत की तत्काल कोई सूचना नहीं है। म्यांमा की राजधानी नेपीता में भूकंप से धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा, उनके कुछ हिस्से ढह गए तथा कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इन जगहों पर भी रहा असर
भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसका असर म्यांमार-थाईलैंड के अलावा भारत, बांग्लादेश और चीन में भी महसूस किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोलकाता, इंफाल, मेघालय और ईस्ट कार्गो हिल में इसके झटके महसूस किए गए। वहीं बांग्लादेश में ढाका, चटगांव समेत कई हिस्सों में 7.3 तीव्रता के झटके आए। चीन के युनान प्रांत में झटके महसूस किए गए।
भारत ने कहा, मदद के लिए हरसंभव तैयार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सभी की सुरक्षा की प्रार्थना की। इस दौरान कहा कि भारत हरसंभव सहायता के लिए तैयार है। हमने इस संबंध में प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है।