एआई के माध्यम से दिखाया गया बालासाहेब का भाषण डिजिटल फ्रॉड – नरैश म्हस्के


बची-खुची सेना की स्थिति चायनीज सामान की तरह
शिवसेना प्रवक्ता व सांसद नरेश म्हस्के ने की उबाठा गुट की आलोचना
ठाणे, दिनांक, 19 अप्रैल 2025
वोटों के लालच में उबाठा किसी भी स्तर पर जा सकती है। कल ये लोग बालासाहेब ठाकरे पर हरे रंग की शॉल और सिर पर जालीदार टोपी डाली हुई फोटो भी एआई का इस्तेमाल कर दिखा सकते हैं। बची-खुची शिवसेना चीनी सामान की तरह है जिसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। इस प्रकार का जोरदार हमला शिवसेना सांसद व प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने बोला है। नासिक की सभा में एआई का इस्तेमाल कर बालासाहेब का भाषण दिखाना डिजिटल फ्रॉड है। इस डिजिटल फ्रॉड के विरोध में कार्रवाई होनी चाहिए। इस प्रकार की मांग सांसद म्हस्के ने की है। वे ठाणे में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सांसद म्हस्के ने कहा कि एक बिमा कंपनी ‘जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी’ इस प्रकार का खुद का विज्ञापन करती है। उद्धव ठाकरे का भी बिल्कुल ऐसा ही है। उन्होंने बालासाहेब को ‘जिंदगी के साथ भी’ दुख-दर्द दिया और अब ‘जिंदगी के बाद भी’ दुख दे रहे हैं। उद्धव ठाकरे की साहेब के प्रति निष्ठा बनावटी है। इसलिए उन्हें बालासाहेब के बनावटी आवाज का आधार लेना पड़ा। उबाठा का व्यवहार नकली, दिल नकली, मन की भावना भी नकली, उसके आस-पास के नेता भी नकली, उनकी पार्टी नकली और इसी वजह से उन्हें नकली आवाज की मदद लेनी पड़ी है। इस प्रकार की तीखी आलोचना सांसद म्हस्के ने उबाठा गुट की की है। जब बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है, तब ऐसे नकली उपाय सुझते हैं इस प्रकार का तंज भी उन्होंने कसा है।
बालासाहेब आज यदि इस दुनिया में होते तो वे अपनी ओरिजनल आवाज में उद्धव ठाकरे की जमकर हजामत करते। वे कहते कि जिस कांग्रेस को मैं दफनाने निकला था, उस कांग्रेस को बढ़ाने में तू मदद कर रहा है। बालासाहेब पार्टी को बेचे जाने के लिए उबाठा के कमर पर लात मारते, ऐसी कठोर टिप्पणी सांसद म्हस्के ने की है।
हीरे से तैयार किये हुए कंकाल में कितना भी जोश भर दिया जाये तो भी वह हीरा नहीं बन सकता। बालासाहेब ठाकरे की शागिर्दगी में तैयार हुए एकनाथ शिंदे ही असली हीरा हैं। उन्होंने आगे कहा कि बालासाहेब हमारे भगवान थे, हैं और आजीवनभर रहेंगे। उनके नकली आवाजी की हमें आवश्यकता नहीं है। क्योंकि उनकी असली आवाज हमारे दिल में है। असली व कट्टर शिवसैनिकों के दिलो-दिमाग में है। उबाठा के पास कम से कम झूठापन कर बेचने के लिए उनके पिता तो हैं। परंतु तुमने दिखाते वक्त अपने पिता की जो भूमिका बदली है वह क्या जनता को दिखाओगे। सांसद म्हस्के ने आदित्य ठाकरे की इस प्रकार की तीखी आलोचना की है।