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चिकित्सा, राजनीति, समाजसेवा और शिक्षा का आदर्श समन्वय डॉ राजेन्द्र आर सिंह

चिकित्सा, राजनीति, समाजसेवा और शिक्षा का आदर्श समन्वय

मुंबई – आदर्श, प्रबुद्ध, गुणसमृद्ध, समाजसेवी और बहुआयामी व्यक्तित्व, डॉ. राजेंद्रप्रसाद आर. सिंह जिनके कार्यक्षेत्र का विस्‍तार चिकित्‍सा, राजनीति, शिक्षा और समाज कल्याण के विभिन्न पहलुओं तक फैला हुआ है। इनका जन्म 16 अप्रैल मुंबई के उपनगर मुलुंड में हुआ और इन्‍होंने अपनी शिक्षा बी.ए.एम.एस., मुंबई और पत्रकारिता में डिप्लोमा के साथ पूरी की। डॉ. सिंह हिंदी, मराठी, गुजराती और अंग्रेजी इन चार भाषाओं में धाराप्रवाह वार्तालाप करने में निपुण हैं। इनकी मेहनत, लगन और कर्तव्‍यपरायणता का ही परिणाम है कि विभिन्‍न राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय संस्‍थाओं द्वारा सम्‍मान प्राप्‍त हुआ है। विद्यार्थी जीवन से ही इनके मन में समाजसेवा का अंकुर प्रस्‍फुटित हुआ। यही कारण था कि 10 वर्ष की अवस्‍था से ही शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में रूचि लेने लगे। इन्‍होंने लगातार अनेक प्रसंशनीय कार्य किये हैं, उसी का प्रतिसाद है कि आज आप देश-विदेश में अपने ज्ञान और प्रतिभा के प्रतिमान स्‍थापित कर रहे हैं।

सन 1995 से 2001 तक, इन्‍होंने ‘स्टेशन कंसल्टेटिव कमेटी’ (ZRUCC) रेलवे के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, सन 1999 से 2000 तक ‘बालराजेश्वर महादेव मंदिर’, ‘धर्मशाला एवं सदाव्रत ट्रस्ट’ के सदस्य के रूप में समाज और राष्ट्र की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
डॉ. सिंह ने विभिन्न संस्थाओं में अपना अमूल्य योगदान देकर उन्हें सम्मानित किया है। इन्‍होंने 1992 से 1997 तक मुंबई कांग्रेस, मुलुंड ब्लॉक क्रमांक 85 के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद, 1998 से 2010 तक ‘उत्तर-पूर्व कांग्रेस कमेटी – स्लम प्रिवेंशन सेल’ के अध्यक्ष तथा ‘स्पेशल एक्जीक्यूटिव ऑफिसर क्लब’, मुंबई के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। इन्‍होंने 1990 से 1993 तक ‘मुलुंड तालुका युवा कांग्रेस’ और ‘ओम दत्ता दिगंबर समर्थ सेना मंडल’ के अध्यक्ष पद का दायित्व निभाया।

चिकित्‍सा के क्षेत्र में डॉ. सिंह का योगदान प्रशंसनीय है- जैसे 75000 मरीजों को टी बी की नि:शुल्‍क औषधियां बांटकर उन्‍हें बीमारी से निजात दिलाया। 2100 मरीजों की मोतियाबिंद नामक बीमारी से मुक्ति दिलाई। एक तरफ 51 विकलांग व्‍यक्तियों को ट्रिसायकल दिलाकर उनके जीवन की कठिनाईयों को सुलझाया, कोढ़, पोलियो, ट्रिपल हेपैटाइटिस बी और टाइफायड वैक्सिनेशन कॅम्‍प के लिए मुफ्त औषधी बैंक की व्‍यवस्‍था करते रहते हैं। अतिरिक्‍त, एम्‍बुलेंस सेवा तथा इनके द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में नेत्र जांच, रक्तदान, और टीकाकरण कार्यक्रम भी शामिल हैं, जिनसे हजारों लोगों को लाभ हुआ।
डॉ. सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है। इनके मार्गदर्शन में आर. आर. एज्‍युकेशनल ट्रस्‍ट, जिसका भूमिपूजन तत्‍कालीन राज्‍यपाल श्री पी. सी. एलेक्‍जेंडर के करकमलों द्वारा हुआ। वर्तमान समय में इसमें मराठी व अंग्रेजी माध्‍यम स्‍कूल, जूनियर कॉलेज, हॉटल मैनेजमेंट, स्‍पोर्टस एकेडमी, डी. एड. व बी. एड. कॉलेज (NAAC ACCREDITED) चल रहे हैं।
राजीव गांधी हाई स्कूल (हिंदी और मराठी माध्यम), दयानंद वैदिक विद्यालय प्रायमरी, सेकंडरी, व (जूनियर कॉलेज सहित), में इन्‍होंने विद्यालय की स्‍थापना से लेकर अब तक सफल संचालन में मदद की है।
इनके नेतृत्व में
आर. आर. एज्‍युकेशनल ट्रस्‍ट की शिक्षा पद्धति से सभी प्रभावित हैं। मराठी व अंग्रेजी माध्‍यम स्‍कूल में विभिन्‍न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन होता रहता है। नई शैक्षणिक पद्धतियों का प्रयोग करके छात्रों को सिखाया जाता है। आर. आर. एज्‍युकेशनल ट्रस्‍ट डी. एड. और बी. एड. कॉलेज से निकले हजारों शिक्षक आज देश के कोने-कोने में विभिन्‍न विद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षा प्रदान करके देश की भावी पीढि़यों को गढ़ने का कार्य कर रहे हैं। जूनियर कॉलेज व हॉटल मैनेजमेंट से भी अनेक मेधावी छात्रों ने कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। इससे छात्रों को खेल में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्‍त हुआ है। इस संस्‍थान में डिग्री कॉलेज और प्रबंधन कॉलेज की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है। यह आपके कुशल नेतृत्‍व को ही दर्शाता है।
समय समय पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह ने छात्रों को प्रोत्साहित करने और युवाओं को सशक्त बनाने में तैयार रहते हैं।
खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए डॉ. सिंह ने कई कुश्ती प्रतियोगिताओं और क्रिकेट मैचों का आयोजन किया। ‘ जिससे समुदायों के बीच आपसी सम्मान और समझ को बढ़ावा मिला।
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में, 1980 से 1998 तक मुलुंड क्षेत्र में वृक्षारोपण से लेकर नालों की सफाई तक जैसे सराहनीय कार्य इनके कार्यकाल की मुख्य विशेषता रही। इन्‍होंने वृक्षारोपण और पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देकर समाज को एक स्थायी भविष्य की ओर अग्रसर किया। प्राकृतिक आपदाओं में भी उनका सहयोग बना ही रहता है। 2001 के गुजरात भूकंप के दौरान राहत पीड़ित परिवारों को पहुंचाया।
डॉ. सिंह ने अपने पिता पूर्व महापौर मुंबई, स्‍व. आर. आर. सिंह मूल्य वृद्धि, भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हर बार शामिल हुए हैं। इनका राजनीतिक नेतृत्व सिर्फ आंदोलन तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इन्‍होंने चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आप नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी रहे ।
एक उल्लेखनीय आयोजन 23 फरवरी 1990 को मुलुंड में भारतरत्‍न श्री राजीव गांधी द्वारा संबोधित सार्वजनिक सभा थी। न्याय और राजनीतिक जवाबदेही के प्रति आपके समर्पण का उदाहरण 1989 में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री श्री देवी लाल के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर मामला है, जो बाद में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। यह साहस लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इनके नेतृत्व में ‘जेल भरो आंदोलन’ और ‘सेव कश्मीर डे’ जैसे आंदोलन आयोजित किए गए। मूल्य वृद्धि, टोल टैक्स और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन इनकी लोक कल्याणकारी प्रतिबद्धता को उजागर करते हैं।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह जी के नेतृत्‍व में हाल ही (10 फरवरी 2025) में महाराष्‍ट्र राज्‍य शिक्षक सेना ने आर. आर. एज्‍युकेशलन ट्रस्‍ट में एक भव्य कार्यक्रम किया जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव जी ठाकरे साहेब की उपस्थिति आकर्षण का केंद्र रही। इस सभा में भारी संख्‍या में जनसमुदाय के बीच कुल 20 प्रस्‍ताव और विभिन्‍न शैक्षणिक मांगे रखी जो सरकार एवं शासन ने मानी।
इनके अथक परिश्रम, लगन और निष्‍ठा से किये गये कार्य समाज और राष्‍ट्र की प्रगति में अवश्‍य ही सहयोगी साबित होंगे।

-शशिकला पटेल
असिस्‍टेंट प्रोफेसर, आर. आर. एज्‍युकेशनल ट्रस्‍ट बी.एड. कॉलेज मुलुंड पूर्व

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