मंदिर-मस्जिद विवाद पर मोहन भागवत के बयान का ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने किया स्वागत
भिवंडी: ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने देश में बढ़ते मंदिर-मस्जिद विवाद पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया है। शुक्रवार को बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बूनई हसनी ने मुंबई में बयान जारी करते हुए कहा कि मोहन भागवत के बयान से हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब मिला है। अल्लामा हसनी ने कहा कि ऐतिहासिक मस्जिदों और दरगाहों पर मंदिर होने का दावा कर देश में अमन, शांति, और आपसी भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन भागवत ने अपने बयान के जरिए हिंदू नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया है, जिससे उम्मीद है कि देशभर में मंदिर-मस्जिद विवाद का अंत होगा।
भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों पर जाहिर की थी चिंता गौरतलब है कि गुरुवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में उभर रहे मंदिर-मस्जिद विवादों पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग इस तरह के मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बनने का प्रयास कर रहे हैं। भागवत ने इसे अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि ऐसे विवाद देश के सामाजिक सद्भाव को बाधित करते हैं। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने भागवत के इस रुख का स्वागत करते हुए इसे सामाजिक शांति और सद्भाव की दिशा में सकारात्मक कदम बताया है।