उत्तराखंड के पंचायत चुनावों पर लगी रोक, हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

राज्य में कई जगहों से जुड़े आरक्षण संबंधी मामलों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने राज्य सरकार को मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे, जिस पर आज राज्य सरकार की तरफ से आरक्षण और अन्य मामलों पर डीटेल्ड जवाब पेश किया गया.
उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) ने सूबे में प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है. यह फैसला पंचायतों में आरक्षण को लेकर स्थिति साफ न होने के चलते लिया गया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की है कि राज्य सरकार आरक्षण संबंधी अपनी स्थिति को अदालत के समक्ष स्पष्ट रूप से पेश करने में असफल रही है. इसी वजह से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने राज्य में पंचायत चुनाव पर रोक लगाई है. दो दिन पहले राज्य चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि वह दो चरणों में पंचायत चुनाव कराएगा. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य में पंचायत चुनाव की अधिसूचना पर रोक लगा दी है.
जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने सुनाया आदेश
सूबे में कई जगहों से जुड़े आरक्षण संबंधी मामलों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने राज्य सरकार को मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे, जिस पर आज राज्य सरकार की तरफ से आरक्षण और अन्य मामलों पर डीटेल्ड जवाब पेश किया गया. इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है.
उत्तराखंड राज्य चुनाव आयुक्त सुशील कुमार ने शनिवार को ऐलान किया था कि 2025 के पंचायत चुनाव हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में दो चरणों में करवाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में 2025 के पंचायत चुनाव का पहला चरण 10 जुलाई को होगा, उसके बाद दूसरा चरण 15 जुलाई को होगा.
एजेंसी के मुताबिक, सुशील कुमार ने कहा, “उत्तराखंड में, हरिद्वार जिले को छोड़कर, 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है. वोटों की गिनती 19 जुलाई 2025 को होगी और उसके बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.”