Mumbai Maharashtra

764 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी मामला

ईडी ने 81.88 करोड़ की संपत्ति कुर्क की
50 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के जरिए गबन
मुख्य आरोपी विजय गुप्ता न्यायिक हिरासत में

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 764 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को करीब 81 करोड़ 88 लाख रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। यह कदम धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत उठाया गया है।

SBI से की गई थी 764 करोड़ की धोखाधड़ी
ईडी की जांच के अनुसार, विंध्यवासिनी ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर विजय राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, अजय आर. गुप्ता और उनके सहयोगियों ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से 764 करोड़ 44 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी।

CBI ने दर्ज किया था केस, फर्जी दस्तावेजों से लिए गए थे लोन
इस मामले में CBI की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों ने बैंक अधिकारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और ऋण सलाहकारों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के जरिए कंपनियों के नाम पर लोन हासिल किए और इनका इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ और अनधिकृत कार्यों में किया।

50 से अधिक फर्जी कंपनियों से की गई रकम की हेराफेरी
ईडी के अनुसार, आरोपी पक्ष ने धोखाधड़ी से प्राप्त धन को वैध दिखाने के लिए 50 से ज्यादा शेल कंपनियों का उपयोग किया। इनमें से 42 करोड़ रुपये नकद निकाले गए और इसका उपयोग अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया। संपत्तियां खुद, परिजनों और अज्ञात लोगों के नाम पर खरीदी गईं।

महाराष्ट्र और सिलवासा में मिलें खरीदी गईं
ईडी को जांच में पता चला है कि इस रकम का उपयोग सिलवासा और महाराष्ट्र में मिलों की खरीद, मॉल निर्माण और व्यावसायिक इमारतों की खरीद के लिए किया गया। फर्जी अनुबंध और बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए दस्तावेजों के जरिए ये ऋण प्राप्त किए गए थे।

मुख्य आरोपी विजय गुप्ता गिरफ्तार, न्यायिक हिरासत में
इस मामले के मुख्य आरोपी विजय राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को 26 मार्च 2025 को पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी को जांच में और भी अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनका सत्यापन फिलहाल जारी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button