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लोको पायलटों को ड्यूटी के दौरान नहीं मिलेगा टॉयलेट और खाने का ब्रेकरेलवे ने उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को किया खारिज, AILRSA ने बताया अव्यवहारिक

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने लोको पायलटों को ड्यूटी के दौरान भोजन और शौच के लिए निर्धारित ब्रेक देने से इनकार कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को खारिज करते हुए कहा कि परिचालन संबंधी बाधाओं के कारण ऐसा करना संभव नहीं है।

ब्रेक से ट्रेन संचालन पर पड़ सकता है असर : रेलवे बोर्ड
रेलवे बोर्ड का मानना है कि ब्रेक देने से ट्रेन संचालन बाधित हो सकता है, खासकर हाई डेंसिटी रूट्स पर। बोर्ड ने यह भी कहा कि हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं के बावजूद ऑपरेशनल एफिशिएंसी को प्राथमिकता देना जरूरी है।

कैबिन मॉनिटरिंग सिस्टम का बचाव
लोकोमोटिव केबिन में लगाए जा रहे क्रू वॉयस और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम को लेकर उठे सवालों पर रेलवे बोर्ड ने सफाई दी कि इसका उद्देश्य क्रू की निगरानी नहीं, बल्कि घटनाओं के बाद जांच में सहयोग और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करना है।

AILRSA ने जताई नाराजगी
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) ने रेलवे बोर्ड के इस फैसले को अव्यवहारिक करार दिया है। महासचिव केसी जेम्स ने कहा कि तेज रफ्तार ट्रेनों की बढ़ती संख्या से लोको पायलटों पर मानसिक दबाव बढ़ा है और समिति इस पहलू को समझने में विफल रही।

महिला लोको पायलटों के लिए हालात और गंभीर
AILRSA के केंद्रीय संगठन सचिव वी. बालचंद्रन ने कहा कि कई सुपरफास्ट ट्रेनें लगातार 6-7 घंटे तक बिना रुके चलती हैं। ऐसे में ब्रेक न मिलना विशेष रूप से महिला लोको पायलटों के लिए गंभीर समस्या है।
हाई डेंसिटी रूट्स पर ट्रेनें सिर्फ आपात स्थिति में ही रुकती हैं, जिससे उन्हें बेहद कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है।

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