नेशनल रेलवे वर्कर्स यूनियन के अधिवेशन में उभरी केंद्र सरकार और रेलवे के प्रति नाराजगी




भारतीय रेल कर्मचारियों की सबसे बुलंद आवाज़ नेशनल रेलवे वर्कर्स यूनियन है, जो एक ऐतिहासिक जुझारू श्रमिक आंदोलन और संगठन है। अपने वर्षगांठ वर्ष की ओर बढ़ रहे इस श्रमिक संगठन का दो दिवसीय सम्मेलन हाल ही में मुंबई में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में देश भर से लाखों श्रमिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी, जिसकी अध्यक्षता रेलवे कर्मचारियों के मसीहा और जुझारू नेता वेणु नायर ने की.
इस अवसर पर संगठन की सफल प्रगति की समीक्षा की गयी तथा आगे की दिशा पर चर्चा की गयी. ठेकेदार के रूप में काम कर रही केंद्र सरकार और मजदूरों के हितों के प्रति उदासीन रेलवे प्रशासन की कड़ी आलोचना की गई। आज रेलवे में सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील विभाग इंजीनियरिंग, सिग्नलिंग, बिजली हैं और इनमें क्लर्क-कर्मचारी की रिक्तियों को भी भरने की जरूरत है, यह सवाल सामने आया है। पर्याप्त श्रमिक न होने के कारण काम का अतिरिक्त बोझ श्रमिकों पर पड़ता है। रेलकर्मी कंगाल हो गये हैं और सरकार व प्रशासन उनका शोषण कर रही है, यह चेतावनी इस दौरान दी गयी. मध्य और कोंकण रेलवे पर इस यूनियन का दबदबा है। इस दौरान कार्यकर्ताओं के मुद्दों पर भी चर्चा की गई. कार्यरत कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर सरकार से बात की जाएगी। यह सुझाव दिया गया कि रेलवे की बंजर भूमि, श्रमिकों की कॉलोनियों, कारखानों, स्कूलों, मैदानों और संपत्ति का उपयोग श्रमिकों के लाभ के लिए और परिणामस्वरूप राष्ट्रीय हित के लिए किया जाना चाहिए।