ईवी बाजार पांच वर्ष पांच करोड़ नौकरियां देगा: गडकरी 31 मार्च 2026 तक फास्ट चार्जर लगाने का लक्ष्य
22,100 – चार पहिया वाहन1800 – ई-बस 48,400 – दो पहिया व तीन पहिया 2000 करोड़ चार्जर के लिए आवंटित धनराशि
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना कि वर्ष 2030 तक भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 20 लाख करोड़ रुपये तक का होगा। तेजी से बढ़ रहे ईवी बाजार से समूचे क्षेत्र में देश भर में पांच करोड़ नौकरियां भी पैदा होंगी। सरकार इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को प्रोत्साहन देने की दिशा में प्रतिबद्ध है, जिसके चलते देश में यह उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। ई-वाहन उद्योग की स्थिरता पर आयोजित 8वें कैटलिस्ट कॉन्फ्रेंस- ईवी एक्सपो-2024 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा देश में 40 फीसदी वायु प्रदूषण के लिए परिवहन क्षेत्र जिम्मेदार है। जीवाश्म ईंधन का आयात हमारे देश में कई समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। हम 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं, जो एक बड़ी आर्थिक चुनौती है। ऐसे स्थिति में सरकार हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है। भारत की 44 प्रतिशत बिजली की खपत सौर ऊर्जा पर आधारित है। हम जल विद्युत उसके बाद सौर ऊर्जा, हरित ऊर्जा खासकर तौर पर बायोमास के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। अब सौर ऊर्जा हम सभी के लिए महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है। इसी बीच सरकार के प्रयासों से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
आगे बढ़ने के बड़े अवसर मंत्री ने उद्यमियों से कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में आगे बढ़ने को पर्याप्त अवसर हैं। आज देश में एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है लेकिन अभी हमारे पास केवल 50 हजार बस हैं। यह आपके कारखाने के विस्तार का सही समय है लेकिन यह ध्यान रखें कि गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता न करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब परिवहन मंत्री बना तो उस वक्त मोटर वाहन उद्योग सात लाख करोड़ रुपये था। आज यह 22 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। आज हम दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं और हाल ही में हमने जापान को पीछे छोड़ा है। ध्यान रहे कि 78 लाख करोड़ रुपये के साथ अमेरिका पहले स्थान और 47 लाख करोड़ रुपये के साथ चीन दूसरे स्थान पर है।
चार्जर बढ़ाने का काम तेज होगा पीएम ई-ड्राइव के तहत सरकार ने मार्च 2026 तक 71 हजार चार्जर लगाने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अभी तक नए चार्जर लगाने की दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। ऐसे में भारी उद्योग मंत्रालय ने राज्यों के साथ मिलकर नए चार्जर लगाने के कार्य को गति देने का फैसला लिया है। इसके साथ ही, निजी ऑटोमोबाइल और पेट्रोलियम कंपनियां भी अपने स्तर पर चार्जिंग स्टेशन और चार्जर लगाने का काम कर रही है। सबसे अधिक ध्यान नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे चार्जर लगाने पर है। उधर, पीएम ई-ड्राइव योजना में सरकार ने ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रकों को प्रोत्साहन देने के लिए 3,679 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है लेकिन अभी तक ई-ट्रक और ई-एंबुलेंस से जुड़ी सब्सिडी व अन्य शर्तों से जुड़ा नोटिफिकेशन नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करेगा।