लोकसभा में पहला भाषण, फुल फॉर्म में दिखीं प्रियंका गांधी- जाति जनगणना, अदाणी से वायनाड, उन्नाव-संभल तक, सरकार पर जमकर बरसीं- प्रियंका गांधी के लोकसभा भाषण में पहले भाषण से कांग्रेस उत्साहित
जिनका नाम लेने से कभी-कभी आप झिझकते हैं, और कभी-कभी जिनका नाम धड़ाधड़ इस्तेमाल किया जाता है अपने आप को बचाने के लिए। उन्होंने HAL, BHEL, SAIL, GAIL, ONGC, NTPC, रेलवे, IIT, IIM, तेल रिफाइनरियां और कई सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किए। अध्यक्ष महोदय, उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है लेकिन उनकी जो भूमिका रही, इस देश की आजादी के लिए और इस देश के निर्माण के लिए, उसे इस देश से कभी नहीं मिटाया जा सकता।प्रियंका गाँधी, कांग्रेस महासचिव
नई दिल्ली।
लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस शुक्रवार से शुरू हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में इस बहस की शुरुआत की। इसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस की नव निर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी ने संविधान से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी। प्रियंका का संसद में यह पहला भाषण रहा। इसमें कांग्रेस सांसद ने जातिगत जनगणना, अदाणी, वायनाड त्रासदी, उन्नाव कांड और संभल हिंसा जैसे कई मद्दों पर बात की। आइये जानते हैं कि प्रियंका ने संसद में अपने पहले भाषण में किस मुद्दे पर क्या कहा?
संविधान सिर्फ दस्तावेज नहीं’
कांग्रेस सांसद ने भाषण के शुरुआत में देश की आजादी की लड़ाई और संविधान निर्माण के सफर को बखान किया और इसमें शामिल लोगों के योगदान को याद किया। प्रियंका ने कहा, ‘ये सिर्फ दस्तावेज नहीं है। हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो जोत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है।’
उन्नाव से आगरा तक का जिक्र
प्रियंका ने कहा, ‘मैं एक उन्नाव रेप पीड़िता के घर गई, उसे जलाकर मार डाला गया। हम सब के बच्चे हैं, हम सोच सकते हैं कि उस पर क्या बीती होगी। पीड़िता ने अकेले अपनी लड़ाई लड़ी। ये लड़ने की क्षमता और ये हिम्मत उस पीड़िता को और करोड़ों महिलाओं को ये ताकत हमारे संविधान ने दी।’
संभल हिंसा पर बोलीं
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद हाल में खूब चर्चा में रहा। इस मुद्दे को संसद में उठाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ‘संभल के पीड़ित परिवारों से कुछ लोग हमसे मिलने आए थे। उनमें दो बच्चे थे, अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा।’
अदाणी मुद्दे पर सरकार को घेरा
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक व्यक्ति (अदाणी) का बचाव कर रही है। उन्होंने कहा, ‘एक व्यक्ति के लिए सब कुछ बदला जा रहा है। आज की सरकार ने सारा कोल्ड स्टोरेज एक व्यक्ति को दे दिया है, हिमाचल में सेब उत्पादक रो रहे हैं क्योंकि एक व्यक्ति के लिए सब कुछ बदला जा रहा है। एक व्यक्ति को तरजीह दी जा रही है और 142 करोड़ भारतीयों की अनदेखी की जा रही है। रेलवे और एयरपोर्ट समेत सभी कारोबार एक व्यक्ति को दिए जा रहे हैं।’
मणिपुर पर भी पीएम मोदी
को घेरा प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया, ‘हमारे संविधान ने एकता का सुरक्षा कवच दिया था, वहां नफरत के बीज बोए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री संविधान की प्रति को माथे से लगाते हैं, लेकिन जब संभल में, मणिपुर में, हाथरस में न्याय की मांग उठती है तो उनके माथे पर सिकन नहीं आती।’
वायनाड त्रासदी पर बोलीं
वायनाड सांसद ने कहा, ‘वायनाड में जो आपदा आई इसमें एक 17 साल का छोटा लड़का था, उसने छह घंटों के लिए अपनी मां को बचने की कोशिश की। छह घंटों के लिए आप सोच सकते हैं कि जो नदी की धारा बह रही है, नाराज है, आप अपनी मां को पकड़े हो, छह घंटों के लिए पकड़े रखते हो कि मेरी मां बच जाएगी लेकिन वो मां भी बह जाती है।’
एमएसपी का मुद्दा
किसानों का जिक्र करते हुए प्रियंका ने दावा किया कि उन्हें सही एमएसपी नहीं मिल रही है। प्रियंका ने कहा, ‘किसान को सही एमएसपी तो छोड़िए, डीएपी तक नहीं मिल रही है, वायनाड से लेकर ललितपुर तक किसान रो रहा है।’