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महाराष्ट्र को लूटने वालों को दिखाओ बाहर का रास्ता – आदित्य ठाकरे

मुंबई – ४०० पार का नारा देनेवाला राक्षस सामने खड़ा था, उसके साथ ही ईडी, सीबीआई, आईटी और चुनाव आयोग। उस सबसे कठिन दौर में महाराष्ट्र की जनता शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ खड़ी रही। हम संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के रूप में इकट्ठा हुए और लोकसभा चुनाव में इसका चमत्कार दिखा। यह वक्तव्य शिवसेना युवा प्रमुख आदित्य ठाकरे ने
वरली स्थित एचएसएनसी यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित महाविकास आघाड़ी सम्मेलन में कहे । आदित्य ने कहा कि ४०० पार का नारा देनेवाले २४० पर ही अटक गए। इसी तरह ‘इंडिया’ गठबंधन ने भी २३७ सीट हासिल कीं। इस सबसे बड़ी लड़ाई में जनता का योगदान अहम रहा। उन्होंने कहा कि हमारे पास तन-मन है, जबकि धन उनके पास है।
अडानी का बोलबाला बढ़ा

हम मुंबई में जिस तरह बिंदास घूम रहे हैं और जिस भाषा में बोल रहे हैं, यदि हम अपनी सरकार नहीं ला पाए तो अगले दो सालों में हर काम के लिए मुंबई में अडानी से अनुमति लेनी होगी। यह मैं सबूतों के आधार पर बोल रहा हूं, इस पर विचार करें। इन शब्दों में आदित्य ठाकरे ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि यह मुंबई अडानी की नहीं, बल्कि आम मुंबईकरों की है।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि जिस तरह से मुंबई को अडानी की झोली में डाला जा रहा है, उसका मैं पुरजोर विरोध तो कर ही रहा हूं, लेकिन आपके भी विरोध की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टोल नाकों को बंद कर भले ही जेब से ५० रुपए की बचत हो रही हो, लेकिन इस पर भी विचार करना चाहिए कि मुंबई मनपा का चुनाव कराए बिना, हमसे-आपसे पूछे बिना १,०८० एकड़ भूमि अडानी की झोली में डाल दी गई। यह जमीन मुंबईकरों, मजदूरों, छात्रों और मेहनतकशों की है। उनकी आवाज ही चलनी चाहिए, न कि दूसरों की। धारावी ३०० एकड़ में फैली हुई है, उसमें माइक्रो इंडस्ट्री और झोपड़े हैं। इसके पुनर्विकास के लिए जगह कम है, इसलिए रेलवे और टाटा पावर रीसिविंग सेंटर समेत ५४० एकड़ जमीन तो ले ली गई, लेकिन अभी तक पुनर्विकास का कार्य शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि टेंडर में स्टेयर केस प्रीमियम और ओपन स्पेस प्रीमियम को माफ कर दिया गया है। टीडीआर का अधिकार मनपा, नगरविकास अथवा राज्य सरकार के पास नहीं है, बल्कि यह अधिकार अडानी के पास है। अडानी ही रेट तय करेंगे। ये वहां अपने लोगों को लाकर बसाएंगे। आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि इस सरकार को राज्य की विभिन्न समस्याओं को सुलझाने में किसी तरह की रुचि नहीं है, बल्कि इस बात में है कि पैसे कहां से इकट्ठे करें।
हाउसिंग ड्राफ्ट पॉलिसी जला देंगे
कोलीवाड़ा का क्लस्टर डेवलपमेंट नहीं होने देंगे!
छत्रपति शिवाजी महाराज मंडी को भी कोली भाइयों के हाथों से छीन लिया है। ये महाराष्ट्र में जो हाउसिंग ड्राफ्ट पॉलिसी लाए हैंै, वह सबसे ज्यादा चौंकानेवाली है। जहां स्लम होती है, वहां एसआरए चलाया जाता है। इसी तरह जहां स्लम नहीं होती है, वहां अलग प्लॉट इकट्ठा करके उसी तरह की एक इमारत खड़ी करेंगे और सभी कोलीवाड़ा के लोगों को वहां रहने के लिए भेजेंगे। महाविकास आघाड़ी सरकार आने के बाद पहले ही दिन ‘घाती’ सरकार की ड्रॉफ्ट हाउसिंग पॉलिसी को आग के हवाले कर देंगे।

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